यूपी सरकार ने धार्मिक स्थलों से अवैध लाउडस्पीकर को हटाने के दिए आदेश

125 धार्मिक स्थानों से लाउड-स्पीकर हटाये गए, लगभग 17,000 की आवाज़ घटाई गई

देशभर में मस्जिदों में लाउडस्पीकर को लेकर विवाद चल रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश में धार्मिक स्थलों से अवैध लाउडस्पीकर को हटाने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिहायशी इलाकों में स्थित धार्मिक स्थलों में सामान्य मानक के अनुसार की लाउडस्पीकर बजाने का निर्देश दिया था। साथ ही उन्होंने धार्मिक स्थलों में तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने वालों की एक रिपोर्ट भी तलब की थी।

 अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि “शनिवार को राज्य में धार्मिक स्थलों से अवैध लाउडस्पीकर को हटाने का आदेश जारी किया गया था। इस संबंध में जिलों से 30 अप्रैल तक रिपोर्ट मांगी गई थी। अब पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह धार्मिक स्थलों के धर्मगुरुओं से बातचीत कर अवैध लाउडस्पीकर को हटवाएं।“

 वहीं एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि “अभी तक उत्तर प्रदेश में 125 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त लगभग 17,000 धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों की आवाज कम की गई है। शासन ने तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने वालों की रिपोर्ट भी तलब की है जो कि 30 अप्रैल तक प्रस्तुत करनी होगी।

 सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से किसी भी प्रकार के धार्मिक जुलूस के दौरान दूसरे समुदाय को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। साथ ही बिना पुलिस की अनुमति के कोई धार्मिक जुलूस नहीं निकाला जाएगा। एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि “अलविदा की नमाज और इसके पहले जो अन्य धर्मों के भी त्योहार हुए हैं उनमें लाउड स्पीकर की आवाज कम करने के लिए लगभग 30,344 धर्मगुरुओं से बात की गई है।“

 गौरतलब है कि बीते दिनों त्योहारों के दौरान हुए हमलों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह से सतर्क हो गई है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े निर्देश जारी किए थे। इसके तहत उत्तर प्रदेश में बिना प्रशासकीय अनुमति के जुलूस नहीं निकाला जाएगा। साथ ही आयोजकों को जुलूस के दौरान शांति और सौहार्द बनाए रखने को लेकर शपथ पत्र भी देना होगा। अगर कोई भी नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

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