यूपी विधान परिषद चुनाव में 26 सीटों पर बीजेपी और सपा का सामना

उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में 26 सीटों पर मतदान, बीजेपी और सपा में आमना-सामना

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी अब विधान परिषद के चुनावों पर भी जीत हासिल करने की पूरी तैयारी में है। दरअसल शनिवार को विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 27 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। इनमें से अधिकांश सीटों पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी आमने-सामने होंगी। हालांकि प्रतापगढ़, वाराणसी और आजमगढ़ में निर्दलीय भी बीजेपी को कांटे की टक्कर दे सकते हैं।

नगर परिषद में बहुमत हासिल करने के लिए बीजेपी ने ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने में पूरी ताकत झोंक दी है। उल्लेखनीय है कि परिषद की स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 36 सीटों पर हो रहे चुनावों में बीजेपी ने 9 सीटें निर्विरोध ही जीत ली हैं। अब बाकी की 27 सीटों पर शनिवार को मतदान होने जा रहा है। बीजेपी ने हर सीट पर एक प्रदेश पदाधिकारी और प्रदेश सरकार के एक मंत्री को प्रभारी तैनात किया है। पार्टी ने मतदाताओं को तीन श्रेणियों में बांटा है। ए, बी, और सी श्रेणी के मतदाताओं से चार से पांच चरण में अलग-अलग स्तर पर संपर्क साधा गया है।

 तीसरी श्रेणी में उन मतदाताओं को रखा गया है जो बीजेपी के खिलाफ है। पार्टी के मानक के अनुसार सी श्रेणी में शामिल मतदाताओं का वोट हासिल करने के लिए पार्टी ने हर स्तर पर रणनीति तैयार की है। इन 27 में से 24 सीटों पर बीजेपी का सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों से होने वाला है। हालांकि कुछ जगह पर समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बागी भी चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन विधान परिषद इन चुनावों में आजमगढ़ प्रतापगढ़ और वाराणसी ऐसी सीटें हैं। जिसमें निर्दलीयों ने मुकाबले को रोचक बना दिया है।

 वाराणसी सीट पर बीजेपी के सुदामा सिंह पटेल का मुकाबला माफिया बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा से होने वाला है। दरअसल बृजेश ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया था, लेकिन उन्होंने बाद में अपना नामांकन वापस ले लिया था। बृजेश इस सीट से परिषद सदस्य रहे हैं। वहीं आजमगढ़ में बीजेपी ने सपा विधायक रमाकांत यादव के बेटे अरुण कुमार यादव को उम्मीदवार बनाया है।

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