उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू की चुनावी वादों पर कानून की मांग,  राष्ट्रव्यापी बहस की अपील

जनता को चुने गए प्रतिनिधियों के आचरण पर लगातार नज़र रखनी चाहिए

चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों की ओर से कई लोक-लुभावन वादे किए जाते हैं, लेकिन बाद में धरातल पर कुछ ही चुनावी वादों को पूरा किया जाता है। इस प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने राजनीतिक दलों द्वारा किए जाने वाले चुनावी वादों को लागू करने के लिए कानून बनाने की ज़रूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए देशव्यापी बहस होनी चाहिए। चुनावी वादे करते हुए राजनीतिक दलों को ज़िम्मेदारी से कम लेना चाहिए। उन्हें केवल वही वादे करने चाहिए जिन्हें लागू किया जा सके। साथ ही जो वादे किए गए हो वो लोगों की भलाई के लिए होने चाहिए।

वेंकैया नायडू ने सोमवार को कृष्णा जिला परिषद कार्यालय में जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष कोटेश्वर गांव की आदमकद कांस्य प्रतिमा का अनावरण करने के मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि देश में ऐसा कानून बनने की जरूरत है जो चुनावी वादों पर नजर रखे। जो राजनीतिक दल अपने वादों को पूरा करने में विफल होते हैं उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करें। ऐसे कानून को लेकर सभी स्तरों पर बहस की जरूरत है।

वेंकैया नायडू के अनुसार, राजनीतिक दल न केवल असीमित संख्या में वादे करते हैं, बल्कि ऐसे वादे भी करते हैं जिन्हें लागू करना संभव नहीं होता है। अतः इसके लिए कानून बनने की सख्त आवश्यकता है। उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि आपको अपने चुने गए प्रतिनिधियों के आचरण पर भी लगातार नजर रखनी चाहिए। उन्होंने ढाई दशक से अधिक समय तक कृष्णा जिला परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने वाले पिन्नामनेनी कोटेश्वर राव के नेतृत्व को याद करते हुए कहा कि दिवंगत नेता ने लोगों के मन में एक स्थायी छाप छोड़ी है। वे जिस बात पर विश्वास करते थे, उस पर हमेशा कायम रहे। कांग्रेस से जुड़े होने के बावजूद उन्होंने अपने अधिकार का प्रयोग सही राजनीतिक तरीके से किया और पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक नेतृत्व प्रदान किया। 

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