रूस के खिलाफ भारत का रुख बदलने के अमेरिकी प्रयास जारी

रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर अमेरिका भारत का रूस के खिलाफ रुख बदलने को प्रयासरत, व्हाइट हाउस का नया बयान आया सामने

रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर भारत हमेशा से बातचीत से मसले का हल निकालने की सलाह देता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी इस संबंध में बात की है और यूएनओ में चर्चा के दौरान भी परस्पर सहमति से मसला निपटाने का परामर्श दिया है। तथापि, संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ प्रस्तुत प्रस्तावों पर भारत ने अपनी निरपेक्षता कायम रखते हुए मतदान में भाग नहीं लिया। इस बीच अमेरिका भारत का रूस के प्रति रूख बदलने के लिए प्रयास करता रहा है। भारत ने अब तक मामले में संतुलन बनाए रखा है। अब व्हाइट हाउस ने फिर कहा है कि अमेरिका लगातार भारतीय नेताओं के संपर्क में हैं। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के खिलाफ उसके साथ मिलकर काम करने के लिए उन्हें प्रेरित करना भी जारी रखेगा।

बुधवार को एक सम्मेलन के दौरान व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने इस आशय का बयान देते हुए कहा है कि हम विभिन्न माध्यमों से भारतीय नेताओं के संपर्क में हैं। यूक्रेन पर राष्ट्रपति पुतिन के हमले के खिलाफ खड़े होने के लिए हमारे साथ काम करने के लिए भारत को लगातार प्रोत्साहित कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद अमेरिका और बहुत से यूरोपीय देश रूस पर कई प्रतिबंध लगा चुके हैं। 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की अमेरिका निंदा कर चुका है। साथ ही मॉस्को पर सख्त प्रतिबंध लगाने में उसका साथ देने के लिए दुनिया भर के देशों पर अमेरिका दबाव डाल रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पिछले सप्ताह कहा था कि अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि रूस यूक्रेन पर आक्रमण के लिए एक गंभीर आर्थिक और राजनयिक कीमत चुकाए।

वहीं पिछले कुछ दिनों में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने दिखाया है कि वह रूस के साथ भारत के संबंध और सैन्य और सुरक्षा जरूरतों के लिए उसकी मॉस्को पर अत्यधिक निर्भरता के मद्देनजर रूस के संबंध में भारत के रुख को समझता है। अमेरिकी हिंद प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल जॉन क्रिस्टोफर एक्विलिनो ने पिछले सप्ताह संसद में एक सुनवाई के दौरान कहा था कि अमेरिका और भारत जबरदस्त साझेदार हैं और दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंध शीर्ष बिंदु पर हैं।

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