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क्या फिर शुरू होगा किसान आंदोलन?

सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में सरकार को चेतावनी
हरियाणा के सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की शनिवार को बैठक हुई जिसमें आंदोलन से जुड़े नेता शामिल हुए। इस दौरान सभी 40 जत्थेबंदियों के प्रमुख भी शामिल रहे। यह बैठक सरकार द्वारा मानी गई किसानों की मांगों की समीक्षा के लिए की गई। काफी देर तक चली इस बैठक में किसान नेताओं की ओर से अहम फैसले लिए गए। इनकी जानकारी बैठक के बाद किसान नेता युद्धबीर सिंह ने प्रेस वार्ता करके दी।
युद्धबीर सिंह ने कहा कि हमारी मांगों को लेकर सरकार ने जो भी वादे किए हैं, बैठक में उनकी समीक्षा की गई है। एमएसपी के लिए सरकार ने एक कमेटी बनाने की बात कही थी। लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई कमेटी नहीं बनाई गई है, ना किसानों से किसी तरह का कोई संपर्क किया गया है। किसानों पर दर्ज रेलवे और दिल्ली के मुकदमें वापस लेने की कार्रवाई नहीं की गई। सरकार ने हरियाणा को छोड़कर कहीं भी मुकदमें वापस नहीं लिए हैं।
किसान नेता ने कहा कि सरकार ने अब तक समझौते के अनुसार काम नहीं किया है। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे लेकर यह फैसला लिया है कि किसान 31 जनवरी को पूरे देश में वायदा खिलाफी दिवस के रुप में सरकार का विरोध करेंगे। यदि इसके बाद भी 1 फरवरी तक सरकार नहीं मानी तो मिशन यूपी और उत्तराखंड शुरू किया जाएगा।सरकार ने लखीमपुर केस में मंत्री को भी बर्खास्त नहीं किया है। मंत्री पर एक्शन ना लेना दिखाता है कि सरकार वोट बैंक के चक्कर में उसे बचा रही है। हमारे साथियों पर 302 लगाकर जेलों में डाला गया है, इसको लेकर तय किया है कि किसान नेता राकेश टिकैत 21 तारीख से तीन दिन का लखीमपुर खीरी दौरा करेंगे और अधिकारियों से बातचीत करेंगे। उसके बाद सुनवाई नहीं होती है तो लखीमपुर खीरी में मोर्चा लगाया जाएगा।
बैठक में चुनाव के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। किसान नेता ने चुनाव लड़ने वाले संगठनों पर कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा राजनीति से दूर है। हमारे साथियों का निर्णय जल्दबाजी का है। वो संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के साथ नहीं रहेंगे। चार महीने बाद हम इन संगठनों की समीक्षा करेंगे तब तक वो हमारा हिस्सा नहीं होंगे।