देश के इतिहास में पहली बार श्रीनगर के लाल चौक में घंटा घर के ऊपर फहराया तिरंगा

इससे पहले 1982 में मुरली मनोहर जोशी के साथ कार्यकर्ता के रूप में नरेंद्र मोदी ने तिरंगा लहराया था

26 जनवरी को 73वें गणतंत्र दिवस पर श्रीनगर के लाल चौक में घंटा घर के ऊपर देश का तिरंगा फहराया गया। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। हालांकि इससे पहले 1982 में, जब कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था, तब बीजेपी के प्रमुख नेता मुरली मनोहर जोशी और उनके साथ एक कार्यकर्ता के रूप में नरेंद्र मोदी ने तिरंगा ध्वज फहराया था। लेकिन उस समय ध्वज लाल चौक पर फहराया गया था, घंटाघर पर नहीं। जानकारी के मुताबिक बुधवार को स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता साजिद यूसुफ शाह और साहिल बशीर भट ने दर्जनों समर्थकों के साथ प्रशासन के सहयोग से यहां ध्वजारोहण किया। उन्हें क्रेन की सहायता से घंटाघर के ऊपर ले जाया गया, जहां तिरंगा झंडा फहराया गया।

देश के इतिहास में पहली बार श्रीनगर के लाल चौक में घंटा घर के ऊपर देश का तिरंगा लहराता दूर दूर से नजर आया। इसके अतिरिक्त नगर में विभिन्न स्थानों पर तिरंगा सुशोभित देखा गया। जिन स्थानीय कार्यकर्ताओं ने झंडे को फहराया उनका कहना था– “आजादी के बाद से हमने यहाँ केवल पाकिस्तानी झंडे ही फहराए देखे हैं। वो पाकिस्तान प्रायोजित तत्व थे, जो घाटी में शांति भंग करना चाहते थे। अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद से हम यहाँ पर जमीनी तौर पर कई बड़े बदलाव देख सकते हैं।”

साथ ही स्थानीय कार्यकर्ता ने कहा कि लोग पूछ रहे थे कि ‘नया कश्मीर’ का मतलब क्या है? इस पर उन्होंने जवाब दिया, “आज घंटा घर के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज फहराना ‘नया कश्मीर’ का प्रतीक है। जम्मू-कश्मीर के लोग भी यही चाहते हैं। हमें कोई पाकिस्तानी झंडा नहीं चाहिए, हम शांति और विकास चाहते हैं।”

उल्लेखनीय है कि देश में श्रीनगर के लाल चौक का ऐतिहासिक महत्व है। वहीं, कश्मीर की राजनीति में भी लाल चौक स्थित घंटा घर का हमेशा से ही बड़ा महत्व रहा है। देश और जम्मू-कश्मीर के तमाम बड़े नेता इससे पहले घंटा घर के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन वह इसमें कभी भी सफल नहीं हुए।

वहीं झंडा फहराने वाले दूसरे कार्यकर्ता का कहना था कि“भारत की आजादी के बाद से यह एकमात्र स्थान था, जहां राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहरा गया था। हमने यहां तिरंगा झंडा फहराने का फैसला किया और इसे कर दिखाया। एक भारतीय के रूप में हमने यहाँ झंडा फहराया है और ऐसा करके हमें बेहद खुशी हो रही है।”

कश्मीर में गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने पर्याप्त सुरक्षा उपाए किए थे। एहतियात के तौर पर बुधवार को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई थी।

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