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रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ गई जंग, यूक्रेन की भारत से मदद की गुहार

यूक्रेन के सभी शहरों में हमला कर कब्जे में ले रहा रूस
रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया है और अब एक-एक करके यूक्रेन के शहरों को अपने कब्जे में ले रहा है। रूस की सेना ने यूक्रेन के एक सैनिक हवाई अड्डे और हथियार कारखाने तक को नष्ट कर दिया है। इन हालात में राष्ट्रपति व्लदिमीर जेलेंस्की ने अपने नागरिकों से भी देश की रक्षा के लिए हथियार उठाने की अपील की है। जेलेंस्की ने एक ट्वीट में लिखा कि, वो उन सभी लोगों को हथियार देंगे जो आगे आकर यूक्रेन की रक्षा के लिए लड़ना चाहेंगे। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने लोगों से शहरों के चौकों में यूक्रेन का समर्थन करने के लिए तैयार रहने को कहा है।
वहीं इससे पहले यूक्रेन ने रूस के हमले के बाद उसके साथ सभी तरह के संबंधों को तोड़ने का ऐलान किया था। गौरतलब है कि रूस यूक्रेन के नागरिकों पर हमला करने की बात से इनकार कर रहा है। रूस का दावा है कि वो केवल यूक्रेनी सैन्य प्रतिष्ठानों को टार्गेट कर हमले कर रहा है। हमले से पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के सैनिकों को सरेंडर करने के लिए कहा था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस के हमले में यूक्रेन के 40 सैनिकों के मारे जाने की खबर है। जबकि 10 नागरिकों के भी मारे जाने की सूचना सामने आई है। वहीं यूक्रेन ने भी रूस के 50 सैनिकों को मारने और 6 फाइटर जेट्स और टैंकों को तबाह करने का दावा किया है। इस बीच यूक्रेन में भारत के दूतावास ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि रूसी हमले के बावजूद एम्बेसी को बंद नहीं किया जाएगा। भारत सरकार वहां फंसे 18 हजार लोगों को वहां से निकालने की कोशिश कर रही है।
रूस यूक्रेन पर लगातार एक के बाद एक हमला कर रहा है और यूक्रेन के सैनिकों से सरेंडर करने के लिए कह रहा है। यूक्रेन ने दुनिया भर की सभी प्रमुख शक्तियों से रूस को रोकने की अपील की है। उसने भारत सरकार से भी रूस पर दवाब बनाने का आग्रह किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादीमीर ज़ेलेंस्की के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत से रूस से शांति के लिए बातचीत करने का उनुरोध किया है। उनका कहना है कि भारत का रूस के साथ अच्छा संबंध है।
भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रूस के साथ तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मोदी और पुतिन एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। दरअसल, यूक्रेन भारत के प्रभाव को स्वीकार कर रहा है औऱ चाहता है कि पीएम मोदी इसके लिए कदम उठाएं।