पेट्रोल-डीजल को लेकर सियासत पर बीजेपी ने आंकड़े दिखाकर दिया करारा जवाब

केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये और 10 रुपये की कटौती की लेकिन विपक्ष शासित सात राज्यों ने जनता को कोई राहत नहीं दी

बीते दिनों पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से जनता में हाहाकार मचा रहा। विपक्ष ने भी–वैश्विक हालात की असलियत को दरकिनार करते हुए–मुद्दे को भुनाने के लिए आग में घी डालने की मुहिम जारी रखी। वहीं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों में इस मुद्दे पर चर्चा करते हुये, ईंधन की उचित कीमतों को हरी झंडी दिखाई।

पार्टी के स्तर पर बीजेपी ने विपक्षी दलों को आंकड़ों के आईने में उनकी सूरत दिखा कर पलटवार किया। बीजेपी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमत वाले 10 राज्यों में से आठ राज्य तो ऐसे थे जहां गैर बीजेपी दलों का शासन है।

 पार्टी सूत्रों ने ईंधन की बढ़ती कीमतों के लिए मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के आरोपों का भी खंडन किया है। बीजेपी की ने कहा कि कच्चे तेल के आयात पर निर्भर प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत में ईंधन की कीमत अपेक्षाकृत कम रही है। ब्रिक्स देशों में भारत में पेट्रोल और डीजल की दूसरी सबसे कम कीमतें हैं। बीजेपी का कहना है कि रूस में इसकी कीमत कम है क्योंकि यह एक तेल उत्पादक देश है। आठ आसियान देशों में पेट्रोल की चौथी सबसे कम और डीजल की पांचवीं सबसे कम कीमत भारत में है।

सबसे ज्यादा पेट्रोल की कीमतें आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में हैं। इन तीन राज्यों के अलावा तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, झारखंड और केरल ने भी करों में कटौती नहीं की जबकि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये और 10 रुपये की कटौती की थी। कटौती करने वाले ज्यादातर बीजेपी शासित राज्यों की तुलना में सात विपक्ष शासित राज्यों ने टैक्स में कटौती नहीं की और जनता को राहत देने की बजाए, स्वयं राज्य सरकारों ने अतिरिक्त 11, 945 करोड़ रुपए कमाए।

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