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CDS बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश की जांच रिपोर्ट में सामने आया सच, रक्षा मंत्री को सौंपी गई रिपोर्ट

हादसे का कारण कोई तकनीकी खराबी नहीं था
विगत दिनों देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया था। बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी समेत 14 लोग इस हादसे का शिकार हुए थे। मामले की जांच लगातार जारी थी। बुधवार को जांच रिपोर्ट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंप दी गई। हादसे की जांच कर रहे त्रि-सेवा कमेटी के प्रमुख एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने वायुसेना प्रमुख विवेक राम चौधरी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करके रिपोर्ट पेश की। यह मुलाकात करीब 45 मिनट तक चली। इस दौरान रक्षा सचिव भी मौजूद रहे।
इस त्रिसेवा समिति की जांच रिपोर्ट में भविष्य में VIPs के हेलिकॉप्टर संचालन के लिए कुछ सिफारिशें भी की गई हैं। सिफारिशों में कहा गया है कि भविष्य में चालक दल में मास्टर ग्रीन और अन्य श्रेणी के पायलट होने चाहिए, ताकि यदि आवश्यक हो तो वे जमीन पर स्टेशन से मदद ले सकें। बता दें कि हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए तीनों सेनाओं के अधिकारियों की एक जांच समिति बनाई गई थी।
मामल की जानकारी देते हुए जांच टीम ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को विस्तार से बताया कि किन हालात में यह हादसा हुआ था। हालांकि इस पर अभी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायु सेना का Mi-17V5 हेलिकॉप्टर किसी तकनीकी खराबी के कारण हादसे का शिकार नहीं हुआ था। रिपोर्ट में बताया गया कि जब विमान पहाड़ियों से गुजरते समय एक रेलवे लाइन के पास उड़ रहा था, तभी अचानक घने बादल में घुस गया। हेलिकॉप्टर कम ऊँचाई पर उड़ रहा था। बावजूद इसके चालक दल ने विमान उतारने का फैसला नहीं किया। ऐसे में विमान एक चट्टान से टकरा गया।