असम-मेघालय के बीच 1972 से चल रहे सीमा विवाद का अंत

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम-मेघालय के मुख्यमंत्रिओं ने समझौते पर हस्ताक्षर किए

करीब 50 सालों से असम और मेघालय के बीच विवाद चल रहा सीमा विवाद सुलझता हुआ दिखाई दे रहा है। इस विषय को लेकर गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में मंगलवार को दिल्ली में एक बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रिओं–हिमंत बिस्वा सरमा और कॉनराड कोंगकल संगमा–ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के अंतर्गत मेघालय और असम के बीच पहले चरण में 6 स्थानों–ताराबारी, गिजांग, हाहिम, बोकलापारा, खानापारा-पिलंगकाटा और रातचेरा–में सीमा विवाद को हल हो गया है। इससे पूर्व दोनों राज्यों में बनी सहमति का पत्र केंद्र सरकार को भेजा गया था।

इस समझौते को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जानकारी देते हुए कहा– ‘मुझे खुशी है कि आज विवाद की 12 जगहों में से 6 पर असम और मेघालय के बीच समझौता हुआ है। सीमा की लंबाई की दृष्टि से देखें तो लगभग 70 % सीमा आज विवाद मुक्त हो चुकी है। मुझे भरोसा है कि बाकी के 6 जगहों को भी हम जल्दी भविष्य में सुलझा देंगे। आज का दिन विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन है। देश में जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने हैं तब से पूर्वोत्तर में शांति प्रक्रिया, विकास, समृद्धि और यहां की सांस्कृतिक धरोहर के संवर्धन के लिए अनेक वृहद प्रयास किए गए हैं।”

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये विवाद 12 जगहों को लेकर था। असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 के तहत अलग राज्य के रूप में मेघालय का गठन वर्ष 1972 में किया गया था। तभी से असम और मेघालय की 884.9 किमी लंबी सीमा के विभिन्न हिस्सों में 12 क्षेत्रों से संबंधित विवाद पैदा हुए थे। इनको लेकर दोनों राज्यों के बीच कई बार सीमा विवाद भड़क चुके हैं।

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