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इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक में कश्मीर के बारे में अनर्गल प्रलाप झूठ पर आधारित

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा- ऐसे बयानों से जुड़े देशों की प्रतिष्ठा पर भी काफी असर पड़ता है
पाकिस्तान में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की बैठक में बयानों को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कल गुरुवार को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ओआईसी की बैठक में भारत के बारे में जो संदर्भ दिया गया है, वो झूठ पर ही आधारित है। साथ ही भारत ने पाकिस्तान में हुई बैठक में कश्मीर पर नीति के लिए भारत की आलोचना करने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पाकिस्तान में इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक में बयानों और प्रस्तावों ने इस संस्था को अप्रासंगिक और पाकिस्तान के छल-कपट को आगे बढ़ाने वाला सिद्ध किया है।
प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि बैठक में भारत को लेकर दिए गए बयान झूठ पर आधारित है। पाकिस्तान जैसे मानवाधिकारों के उल्लंघन करने वाले देश के कहने पर इस संस्था ने अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार पर जो टिप्पणी की है, वो इस संस्था के बेतुके रुख को स्पष्ट करती है। ऐसे बयानों से जुड़े देशों की प्रतिष्ठा पर भी काफी असर पड़ता है।
गौरतलब है कि इस्लामिक सहयोग संगठन संपर्क समूह ने बुधवार को एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया था। अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव और उन पर प्रतिदिन अत्याचार करने वाले पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित चर्चा में कहा गया था कि कश्मीर मुद्दे का हल होना बेहद जरूरी है। इसके बिना दक्षिण एशिया में स्थाई शांति संभव नहीं है। इससे भी हास्यास्पद है इस मुद्दे पर चीन का समर्थन, वही चीन जो अपने यहाँ मुसलमानों से पशुओं जैसा व्यवहार करता है।
वहीं भारत ने इस्लामिक सहयोग संगठन जैसी संस्थाओं को गैर जिम्मेदाराना बयान न देने की चेतावनी दी है। इससे पहले भारत ने चीन के जम्मू-कश्मीर पर दिए गए बयानों को भी खारिज कर दिया था। भारत ने चीन की ओर से दिए गए बयानों को अनावश्यक बताते हुए कहा कि केंद्र शासित क्षेत्र से जुड़े मामले देश के आंतरिक मामले हैं। इन पर चीन सहित अन्य देशों को टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें समझना चाहिए कि भारत उनके आंतरिक मामलों पर सार्वजनिक रूप से विचार व्यक्त करने से परहेज करता है।