यूक्रेन से भारतीय छात्रों को हंगरी और रोमानिया के रास्ते निकालने के सरकारी प्रयासों में तेज़ी

रूसी आक्रमण के सामने अकेला पड़ा यूक्रेन, देश में भगदड़ मची

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अपने चरम पर पहुंच चुका है। रूस यूक्रेन के कई प्रमुख शहरों पर एंकसाथ हमला करके कब्जा करता जा रहा है। इसी बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि यूक्रेन की सेना हथियार डाले तभी आगे की बातचीत संभव है। उल्लेखनीय है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने रूस को बातचीत का प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद रूस के विदेश मंत्री का बयान आया है।

इस बीच, यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्वदेश लाने के प्रयास तेज़ कर दिए गए हैं। भारत सरकार ने यूक्रेन की वायुसीमा में खतरे को देखते हुए हंगरी और रोमानिया के रास्ते अपने नागरिकों को निकालने की व्यवस्था की है। छात्रों को बसों में इन देशों की सीमाओं तक लाया जाएगा, जहां से एयर इंडिया के विमान उन्हें स्वदेश लाएँगे। रूस ने भी इस कम में सहयोग देने का आश्वासन दिया है, इसलिए भारतीय छात्रों को ले जाने वाली बसों पर तिरंगा झण्डा लगाने का निर्देश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि इस क्रम में दो विमान कल रात भेजे जा चुके हैं और छात्रों का पहला जत्था भी हंगरी पहुँच गया है। यह सिलसिला मिशन पूरा होने तक निरंतर जारी रहेगा।

उधर, रूस की सेना ने यूक्रेन के कई बड़े शहरों पर कब्ज़ा कर लिया है और राजधानी कीव में भी प्रवेश कर लिया है। बमवर्षा और मिज़ाइलों की मार से सैनिक ठिकानों के साथ साथ रिहाइशी इलाकों में भी तबाही का मंज़र है। यूक्रेनी नागरिक जान बचाने के लिए बंकरों और मेट्रो स्टेशनों में पनाह ले रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग देश से पलायन कर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने रूसी सेना का सामना करने के लिए बंदूक चलाने में सक्षम नागरिकों को बड़ी संख्या में राइफल्स बांटी हैं और देशवासिओं का मनोबल बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति जेलेन्स्की ने हर संभव प्रयास किया है, हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।

यूक्रेन के चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट पर रूस का कब्जा हो गया है। इससे पूर्व रूसी सेना के हमले के चलते इस एटमी प्लांट में रेडिएशन लेवल बढ़ गया है। इलाके में रहने वाले हजारों लोगों को रेडिएशन लेवल बढ़ने से जान का खतरा पैदा हो गया है।

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