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रूस के विदेश मंत्री की दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी और विदेशमंत्री से मुलाकात

भारत ने एकतरफा न होकर स्थिति को पूरी तरह समझा और अभी भी इसी रास्ते पर आगे बढ़ रहा है–लावरोव
कल शुक्रवार को भारत दौरे पर पहुंचे रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाक़ात की। रूस-यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष और अन्य विषयों पर दोनों विदेशमंत्रियों के बींच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में बातचीत हुई। रूस के विदेश मंत्री ने यूक्रेन मसले को लेकर भारत के रुख की तारीफ की। इस दौरान उन्होंने कहा कि रूस इस बात की सराहना करता है कि भारत ने एकतरफा न होकर स्थिति को पूरी तरह समझा और अभी भी इसी रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी से मुलाक़ात करके उन्होने प्रेसिडेंट पुतिन का संदेश भी दिया। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों चीन, ब्रिटेन, ग्रीस, मेक्सिको आदि सहित कई देशों के विदेश मंत्रियों का भारत आना हुआ है लेकिन उनमें से किसी की मुलाक़ात प्रधानमंत्री से नहीं हुई, जबकि रूस के विदेशमंत्री से मोदी ने 40 मिनट तक बात की।
रूस के विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत और रूस सामरिक भागीदारी को विकसित करते रहते हैं। यह हमारी प्राथमिकता रही है। दोनों देश निश्चित तौर पर विश्व व्यवस्था में संतुलन बनाने की कोशिशों में जुटे हैं। हमने अपने द्विपक्षीय संदर्भ को और भी मजबूत किया है। रूस के विदेश मंत्री ने आगे कहा कि राष्ट्रपति पुतिन की ओर से पीएम मोदी को व्यक्तिगत रूप से संदेश देना चाहते हैं। “राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी एक दूसरे के साथ नियमित संपर्क में हैं, और राष्ट्रपति को अपनी बातचीत के बारे में भी रिपोर्ट करूंगा। वह प्रधानमंत्री मोदी को सर्वाधिक सम्मान देते हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से इस संदेश को देने के अवसर की सराहना करता हूं।“
रूस और यूक्रेन के बीच भारत के एक मध्यस्थ बनने की संभावना पर रूस के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत एक महत्वपूर्ण देश है। यदि भारत इस भूमिका को निभाना चाहता है जो समस्या का समाधान प्रदान करता है तो हम ऐसी प्रक्रिया का भी समर्थन कर सकते हैं। वहीं एक सवाल के जवाब में रूस के विदेश मंत्री ने कहा कि अगर भारत हमसे कुछ खरीदना चाहता है तो हम चर्चा के लिए और पारस्परिक रूप से सहयोग पर सहमति बनाने के लिए भी तैयार हैं। हम भारत को किसी भी सामान की आपूर्ति करने के लिए तैयार रहेंगे। जो भी वह हमसे खरीदना चाहते हैं हम चर्चा के लिए तैयार हैं। रूस और भारत के बीच बहुत अच्छे संबंध है।
उल्लेखनीय है कि एस जयशंकर एवं सर्गेई लावरोव के बीच यह बैठक ऐसे समय में हुई जब बीते दिन ही अमेरिका ने आगाह किया कि रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों में गतिरोध पैदा करने वाले देशों को अंजाम भुगतने पड़ेंगे। यूक्रेन मसले पर भारत ने तत्काल युद्धविराम का भी आह्वान किया है। लेकिन रूसी आक्रमण की निंदा करने वाले प्रस्तावों पर संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर मतदान में भारत ने अब तक कोई हिस्सा नहीं लिया है।