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तीनों कृषि कानूनों की वापसी के विधेयक पर दोनों सदनों की मुहर

तीनों कृषि कानूनों की वापसी का विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पारित, लेकिन किसानों का आंदोलन रहेगा जारी
तीनों कृषि कानूनों की वापसी बिल लोकसभा में पेश किया गया। जहां विपक्ष के भारी हंगामे के बीच विधेयक लोकसभा से पास हो गया। इसके बाद बिल को राज्यसभा में पेश किया गया। राज्यसभा में ध्वनिमत से बिल पास हो गया। अब इसे राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। इस प्रकार अब तीनों कृषि कानून खत्म हो जाएंगे। जैसे ही दोनों सदनों में विधेयक पास हुआ देशभर के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई। किसानों का कहना है कि अब दोनों सदनों से बिल पास हो गया, हम इसका स्वागत करते हैं।
हालांकि अभी MSP पर गारंटी कानून की मांग पर किसान अड़े हुए हैं। किसानों का कहना है कि जब तक अन्य मांगों पर भी सरकार कोई फैसला नहीं लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि यह तो एक दिन होना ही था, लेकिन अभी भी हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
किसान नेता ने कहा कि आंदोलन के दौरान जिन 700 किसानों की मौत हुई है, उन सभी किसानों को ही इस बिल के वापस होने का श्रेय जाता है। ‘सरकार चाहती है कि देश में कोई आंदोलन ना हो लेकिन हम एमएसपी समेत तमाम अन्य मुद्दों पर किसी चर्चा के बिना आंदोलन से नहीं हटेंगे।’
19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। जिसके बाद से इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया तेज हो गई थी। केंद्र सरकार ने उस समय ही साफ कर दिया था कि संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कृषि कानूनों की वापसी ही प्राथमिकता रहेगी। सरकार ने अपने वादे को पूरा करते हुए सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सबसे पहले तीनों कृषि कानूनों की वापसी बिल को लोकसभा में पेश किया।