गुजरात में 108 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा का प्रधानमंत्री ने किया लोकार्पण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासिओं को दी श्रीहनुमान जन्मदिवस की शुभकामनाएँ

शनिवार यानी 16 अप्रैल को हनुमान जन्मजयंती पूरे देश में धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मोरबी में भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का आभासी मंच से लोकार्पण किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हनुमान जी की प्रतिमा का लोकार्पण करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। देश की उत्तर-दक्षिण-पूर्व-पश्चिम चार दिशाओं में बन रही भगवान हनुमान की प्रतिमाओं में यह दूसरी है। यह प्रतिमा बापू शिवानंद आश्रम में स्थापित हुई है। शिमला में 2010 को ऐसी पहली प्रतिमा स्थापित हुई थी। वहीं तमिलनाडु के रामेश्वरम में हनुमान जी की प्रतिमा का कार्य शुरू हो गया है।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए हनुमान जन्मोत्सव की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि इस पावन अवसर पर इस मूर्ति का लोकार्पण होना देश और दुनिया भर के हनुमान भक्तों के लिए और राम भक्तों के लिए बहुत ही सुखदाई है। हनुमान जी अपनी भक्ति और सेवा भाव से सब को जोड़ते हैं। हर कोई हनुमान जी से प्रेरणा पाता है।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यही कारण है ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के वीर हनुमान जी एक अहम सूत्र हैं। भगवान हनुमान की चौथी प्रतिमा का लोकार्पण पश्चिम बंगाल में होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रामकथा का आयोजन भी देश के अलग-अलग हिस्सों में किया जाता है। भाषा बोली जो भी हो लेकिन रामकथा की भावना सभी को जोड़ती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि “हजारों वर्षों से बदलती स्थितियों के बावजूद भारत के अटल और अडिग रहने में हमारी सभ्यता और संस्कृति की बड़ी भूमिका रही है। हमारी आस्था और संस्कृति की धारा समावेश की है। इसलिए जब बुराई पर अच्छाई को स्थापित करने की बात आई तो प्रभु राम ने सक्षम होते हुए भी सबका साथ लेने का, सब को जोड़ने का, समाज के हर तबके के लोगों को जोड़ने का काम किया। यही तो है ‘सबका साथ सबका प्रयास’।“

 पीएम मोदी ने कहा कि भगवान हनुमान जी की यह प्रतिमाएं भारत की शोभा में चार चांद लगाएंजीआई। यह प्रतिमाएं उत्तर में हिमाचल प्रदेश के शिमला, दक्षिण में तमिलनाडु के रामेश्वरम, पूर्व में पश्चिम बंगाल और पश्चिम में गुजरात के मोरबी में स्थापित हैं।

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