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यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए चल रहे ऑपरेशन गंगा की समीक्षा हेतु उच्चस्तरीय बैठक

यूक्रेन-रूस संघर्ष में फंसे भारतियों को हंगरी और रोमानिया के रास्ते निकाल कर ला रहे हैं एयर इंडिया के विमान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घोषणा कर चुके हैं कि रूस-यूक्रेन संघर्ष की विभीषिका में फंसे हर एक भारतीय नागरिक को वहाँ से बचा कर स्वदेश लाने के लिए सरकार वचनबद्ध है। इसी सिलसिले में लगातार उच्चस्तरीय बैठकों में विचार मंथन हो रहा है और फौरी कारवाई की जा रही है। पिछले चार दिनों में एयर इंडिया की छह उड़ानों में 1436 छात्रों को यूक्रेन से बचा कर स्वदेश लाया गया है।
इस क्रम में सातवीं उड़ान 182 छत्रों को लेकर रोमानिया के बुखारेस्ट से प्रस्थान कर चुकी है जो मंगलवार सुबह 9 बजे तक मुंबई पहुंचेगी। आठवीं उड़ान में 216 भारतीय छात्र हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट का निकल चुके हैं जबकि विदेशमंत्री एस जयशंकर के अनुसार एयर इंडिया की नौवीं उड़ान 218 छात्रों को लेकर हंगरी से चल रही है। यह सिलसिला यूक्रेन में आखिरी भारतीय नागरिक को सुरक्षा-पूर्वक निकाल लेने के बाद ही थमेगा। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के प्रति सरकार की चिंता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि बदलते हालात के अनुसार बचाव के तरीकों की समीक्षा के लिए पिछले एक दिन में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में तीन बार उच्चस्तरीय बैठक हुई है।
प्रधानमंत्री ने इस बैठक के दौरान यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा के तहत चल रहे प्रयासों की समीक्षा की। पीएम मोदी ने कहा कि पूरी सरकारी मशीनरी चौबीसों घंटे काम कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वहां सभी भारतीय सुरक्षित रहें और जल्द से जल्द उनकी वतन वापसी हो सके।
बचाव कार्य को गति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों — पोलैंड, हंगरी, रोमानिया–में सरकार के प्रतिनिधि के रूप में चार वरिष्ठ मंत्रियों को भेजने का फैसला किया है। यूक्रेन की सीमाओं पर मानवीय स्थिति से निपटने के लिए यूक्रेन को राहत आपूर्ति की पहली खेप मंगलवार को भेजी जाएगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, दुनिया के एक परिवार होने के भारत के आदर्श वाक्य से प्रेरित होकर मोदी ने कहा कि भारत पड़ोसी देशों और विकासशील देशों के लोगों की मदद करेगा, जो यूक्रेन में फंसे हुए हैं। कोई भी भारत से सहायता मांग सकता है।