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भारत की जरूरतें रूस और यूक्रेन दोनों से जुड़ी हैं–प्रधानमंत्री

सुरक्षा मामलों संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में देश की सुरक्षा तैयारियों को लेकर चर्चा
रूस और यूक्रेन की बीच जारी जंग और इससे उत्पन्न हालात में देश की सुरक्षा तैयारियों पर विचार-विमर्श करने के लिए, रविवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों से संबन्धित मंत्रिमंडलीय समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। रक्षा के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प को दोहराते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस लक्ष्य को पाने की दिशा में नवीनतम तकनीक हासिल करना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे न केवल देश की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी, बल्कि साथ ही अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।
इस बैठक के बाद जारी बयान में बताया गया कि बैठक के दौरान पीएम मोदी को सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा संबंधी जानकारी देने के साथ साथ ही समुद्री और हवाई क्षेत्र में भी देश की सुरक्षा तैयारियों के लिए किए गए अद्यतन कामों के बारे में बताया गया। इसके अलावा प्रधानमंत्री को समिति ने इन क्षेत्रों में दुनिया में इस्तेमाल हो रही प्रौद्योगिकी की जानकारी भी दी।
प्रधानमंत्री ने रूस-यूकेन युद्ध के कारण आने वाली चुनौतियों पर चिंता जाहिर की और कहा कि इस युद्ध का विकासशील देशों पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है। भारत की जरूरतें रूस और यूक्रेन दोनों से जुड़ी हैं। कोयला से ले कर खाद्य तेल और पेट्रो पदार्थों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। उन्होंने खारकीव में रूसी हमले के दौरान मारे गए भारतीय नागरिक नवीन शेखरप्पा के शव को वापस लाने के लिए प्रयासों में तेज़ी लाने का निर्देश दिया। इस युद्ध के दौरान मारे जाने वाले शेखरप्पा इकलौते भारतीय नागरिक हैं।
प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल मौजूद रहे। बैठक में यूक्रेन संकट के दौरान नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए चलाए गए ऑपरेशन गंगा अभियान की भी समीक्षा की गई।