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केंद्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने राज्यों की लोकलुभावन योजनाओं पर चिंता जताई

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा- श्रीलंका की राह पर जा सकते हैं राज्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में वरिष्ठ नौकरशाहों की एक मैराथन बैठक हुई जिसमें कुछ अधिकारियों ने कई राज्यों की ओर से घोषित की जाने वाली लोकलुभावन योजनाओं को लेकर चिंता व्यक्त की। सूत्रों द्वारा रविवार को दी गई जानकारी के मुताबिक इस बैठक में अधिकारियों ने कहा कि राज्यों की ऐसी लोकलुभावन योजनाएं आर्थिक रूप से सही नहीं है। यह राज्यों को श्रीलंका की राह पर ले जा सकती हैं।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने शिविर कार्यालय पर सभी विभागों के सचिवों के साथ बैठक की थी। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ केंद्र सरकार के अन्य शीर्ष नौकरशाह भी मौजूद थे। साल 2014 के बाद से सचिवों के साथ प्रधानमंत्री की यह नौवीं ऐसी बैठक थी।
सूचना है कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौकरशाहों से स्पष्ट रूप से कहा था कि वे कमियों को प्रबंधित करने की मानसिकता से बाहर निकलकर अधिशेष के प्रबंधन की नई चुनौती का सामना करें। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि प्रमुख विकास परियोजनाओं को गंभीरता से नहीं लेने के लिए गरीबी का बहाना बनाने की पुरानी कहानी सुनाना बंद करें और व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए अपना कर्तव्य निभाएं। उल्लेखनीय है कि बैठक के दौरान दो दर्जन से अधिक सचिवों ने अपने पक्ष प्रधानमंत्री के साथ फीडबैक साझा किए।
बैठक के दौरान एक राज्य–
सूचना है कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौकरशाहों से स्पष्ट रूप से कहा था कि वे कमियों को प्रबंधित करने की मानसिकता से बाहर निकलकर अधिशेष के प्रबंधन की नई चुनौती का सामना करें। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि प्रमुख विकास परियोजनाओं को गंभीरता से नहीं लेने के लिए गरीबी का बहाना बनाने की पुरानी कहानी सुनाना बंद करें और व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए अपना कर्तव्य निभाएं। उल्लेखनीय है कि बैठक के दौरान दो दर्जन से अधिक सचिवों ने अपने पक्ष प्रधानमंत्री के साथ फीडबैक साझा किए।
बैठक के दौरान एक राज्य–
सूचना है कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौकरशाहों से स्पष्ट रूप से कहा था कि वे कमियों को प्रबंधित करने की मानसिकता से बाहर निकलकर अधिशेष के प्रबंधन की नई चुनौती का सामना करें। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि प्रमुख विकास परियोजनाओं को गंभीरता से नहीं लेने के लिए गरीबी का बहाना बनाने की पुरानी कहानी सुनाना बंद करें और व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए अपना कर्तव्य निभाएं। उल्लेखनीय है कि बैठक के दौरान दो दर्जन से अधिक सचिवों ने अपने पक्ष प्रधानमंत्री के साथ फीडबैक साझा किए।
बैठक के दौरान एक राज्य –जो वित्तीय रूप से खराब स्थिति में है–द्वारा हालिया विधानसभा चुनाव में घोषित की गई एक लोकलुभावन योजना का विशेष उल्लेख किया गया। इसके अलावा अन्य राज्यों में ऐसी ही अन्य योजनाओं का उल्लेख करते हुए सचिवों ने कहा कि ये आर्थिक रूप से सशक्त नहीं हैं और बहुत कमजोर हैं। ऐसी योजनाएँ राज्यों को उसी रास्ते की ओर ले जा सकती हैं जिस पर श्रीलंका चल रहा है।
गौरतलब है कि श्रीलंका इस समय आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। वहाँ इस वक्त महंगाई चरम पर है। हालात कुछ ऐसे हैं कि यहां जरूरी खाने पीने की वस्तुएं खरीद पाना भी लोगों के लिए मुश्किल होता जा रहा है। देश में ईंधन, रसोई गैस और जरूरी वस्तुओं की कमी चल रही है। लोगों को इन वस्तुओं के लिए लंबी पंक्तियों में खड़े होना पड़ रहा है।