मोदी ने ‘हर घर टीका, घर-घर टीका’ का दिया नारा

देश में कई जिले ऐसे हैं जहां कोविड टीकाकरण अभी भी पिछड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण की कम कवरेज करने वाले जिलों की समीक्षा की। मोदी जी ने उन जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक भी की। इस अहम बैठक में 11 राज्यों के मुख्यमंत्री भी सम्मिलित हुए। इस बैठक में पीएम मोदी ने जिला अधिकारियों को टीकाकरण के संबंध  कई विशेष परामर्श दिए। इसके साथ ही पीएम मोदी ने उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया।

मुख्य मंत्रियों का आभार व्यक्त किया

इस दौरान बैठक में उपस्थित मुख्यमंत्रियों का भी पीएम मोदी ने आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि, दिवाली के कारण सभी मुख्यमंत्रियों व्यस्त है। उन्होंने अत्यंत व्यस्तता होते हुए भी बैठक में उपस्थिति के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। मोदी ने कहा कि उनका उपस्थित होना उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे उन जिलों के अधिकारियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जिन जिलों में टीकाकरण की कम कवरेज है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना काल में हर स्वास्थ्य कर्मचारी से लेकर आशा वर्कर्स तक ने पूरा सहयोग दिया है। कोरोना योद्धाओं के रूप में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों और आशा वर्कर्स ने दूर दराज के इलाकों में भी वैक्सीन पहुंचाई है। पीएम मोदी ने कहा कि कभी भी बीमारी और दुश्मन को कम नहीं आंकना चाहिए। इसलिए 100 करोड़ वैक्सीनेशन होने के बाद हमें कोई शिथिलता नहीं बरतनी है। नए-नए प्रयास, नई रणनीतियां बनाकर देश में टीकाकरण अभियान को सफल बनाया है।

मोदी ने की आशा वर्करों की प्रशंसा

पीएम मोदी ने कहा कि अब टीकाकरण से जुड़ा बहुत सारा अनुभव हमारे पास है। हमारे आशा वर्कर्स ने भी इस लड़ाई में पूरा सहयोग दिया है। उन्होंने गांव-गांव और दूर-दराज के क्षेत्रों तक वैक्सीन पहुंचाई है। उन्होंने कैंप लगाकर और कई नई-नई रणनीतियां बना कर गांव कस्बों में टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरूक किया है।

उन्होंने कहा कि पुलिस में भी जो महिलाएं हैं उन्होंने भी कोरोना वॉरियर्स के तौर पर काम करेंगे। साथ ही कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर भी भ्रम फैलाया है।

देश में टीकाकरण को और तेज करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सलाह दी। उन्होंने कहा कि लोगों को टीकाकरण सेंटर तक पहुँचाने पर अब तक जोर था। अब ‘हर घर टीका, घर-घर टीका’ नारे के साथ इसमें जुटना है। उन्होंने कहा कि सामाजिक और भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से उन जिलों के सफल मॉडल को अपनाएं, जो आपके अनुकूल हो और जहां सफल टीकाकरण हुआ हो। उन्होंने कहा कि ऐसे जिलों से सीखना चाहिए कि वहां क्या तकनीक अपनाई।

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