कोरोना को लेकर मनसुख मंडाविया की पूर्वी राज्यों के साथ समीक्षा बैठक

कोरोना की स्थिति पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा

केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कोरोना को लेकर पांच पूर्वी राज्यों के साथ चर्चा की। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या में गिरावट आ रही है। इसके साथ ही सकारात्मकता दर में भी कमी आई है। लेकिन इसके बाद भी कोरोना के प्रति सावधानी बरतने की जरूरत है। किसी तरह की ढील दोबारा कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई तबाही का मंजर दिखा सकती है। उल्लेखनीय है कि बैठक में ओडिशा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य मंत्री समेत कई अधिकारी शामिल हुए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में मौजूद सभी राज्यों प्रतिनिधियों से अपील की है कि राज्य केस पॉजिटिविटी रेट पर दैनिक आधार पर नजर बनाए रखें। अधिकतर राज्यों में कोरोना वायरस जांच में कमी देखी गई है, ऐसे में उन्हें अब RTPCR जांच दर बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने राज्यों से कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या और कोरोना से मौत के आंकड़े पर भी लगातार नजर बनाए रखने को कहा।

इसके अलावा मनसुख मंडाविया ने आपातकालीन पैकेज ‘ईसीआरपी-2’ फंड का पूरा उपयोग करने की भी सलाह दोहराई। उल्लेखनीय है कि राज्यों के लिए वर्तमान स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए और बेहतर बनाने के लिए इसे आपातकालीन पैकेज के तौर पर शुरू किया गया है। उन्होने राज्यों को याद दिलाया कि इसके तहत राशि 31 मार्च 2022 को समाप्त हो जाएगी। ऐसे में राज्यों को इस पैकेज के इस्तेमाल पर ध्यान देना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने टीकाकरण को कोरोना से निपटने के लिए अहम हथियार बताया। मनसुख मंडाविया ने कहा कि राज्यों से कहा कि वैक्सीनेशन पर ज्यादा से ज्यादा जोर दें। खास तौर पर 15 से 17 साल के किशोरों के वैक्सीनेशन पर ज्यादा जोर दें जिन्हें अभी टीके की दूसरी डोज लगना बाकी है।

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