हमारे बारे में | संपर्क करें | डीएमसीए
उत्तर प्रदेश से चोरी हुई थी मां योगिनी देवी की मूर्ति, लंदन से वापस आएगी 8वीं सदी की प्रतिमा

उत्तर प्रदेश के लोखरी गांव के एक मंदिर से चोरी हुई थी
उत्तर प्रदेश के लोखरी गांव के एक मंदिर से योगिनी देवी के मूर्ति चोरी करके अवैध तरीके से लंदन ले जाई गई थी। यह मूर्ति मंदिर से 1979 से 1982 के बीच चोरी हुई थी। लेकिन अब यह मूर्ति देश को वापस मिलने जा रही है। योगिनी देवी की यह प्रतिमा 8वीं सदी की बताई जाती जिसमें देवी का सिर बकरी का है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक योगिनी देवी की यह प्रतिमा इंग्लिश कंट्री गार्डेन में मिली थी। अब मूर्ति को लंदन में भारतीय उच्चायोग को सौंपा जाएगा। भारत से चोरी हुई इस मूर्ति को इसी क्षेत्र में काम करने वाले एक विशेषज्ञ ने ढूंढ निकाला था। विशेषज्ञ क्रिस्टोफर मारिनेलो ने इसे लेकर कहा कि, “इस टुकड़े को सिर्फ एक मूर्ति नहीं, बल्कि भगवान माना जाता है।” जब उन्हें यह मूर्ति गार्डेन में मिली तो उस पर काई की मोटी परत जमी हुई थी।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दुनिया के सबसे बड़े नीलामीकर्ताओं में से एक सोथबी ने 1988 में बकरी के सिर वाली देवी की मूर्ति को बेचने के लिए रखा था। इसके अलावा 1997 में भी पूर्व पत्रकार पीटर वॉटसन की पुस्तक ‘सोथबीज: इनसाइड’ में इस लूटी गई मूर्ति के बारे में जानकारी दी गई थी।
पुस्तक में पत्रकार ने बहुत ही गुप्त तरीके से भारतीय डीलरों के बारे में बताया था। इसमें दावा किया था कि लंदन में सोथबी को कई सारी वस्तुएं बेची गई थी। हालांकि, उस समय भी वस्तुओं की नीलामी करने वाले की विशेषज्ञों द्वारा कड़ी आलोचना भी की गई थी। कई बार उस पर प्राचीन भारतीय धार्मिक स्थलों से लूट को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप लगे थे। इस मूर्ति के दोबारा मिलने पर खुशी जताते हुए विशेषज्ञ विजय कुमार ने कहा, “यह अनूठी मूर्ति है। उसे ढूँढना एक सपना रहा है। मैंने अपनी आशा ही छोड़ दी थी।” उनके मुताबिक, ये हैरानी की बात है कि मूर्ति चोरी की गई वस्तु घोषित होने के 20 साल बाद तक लंदन में रही।