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चारा घोटाला के पांचवें मामले में लालू प्रसाद यादव को पांच साल कैद की सजा, साठ लाख रुपए जुर्माना

चारा घोटाला के सभी पांच मामलों में लालू यादव को मुजरिम करार देकर कुल 32.5 साल की सजा सुनाई जा चुकी है
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को बहुचर्चित चारा घोटाले के पांचवें और अंतिम मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई है। इतना ही नहीं उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला डोरंडा कोषागार से 140 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से संबन्धित है। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 15 फरवरी को लालू यादव समेत बड़ी संख्या में आरोपियों को दोषी करार दिया था। इनमें से 36 लोगों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई जा चुकी है। वहीं अब लालू यादव को भी पांच साल की सजा का ऐलान किया गया है। यह फैसला रांची की स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज ने सुनाया है।
दरअसल यह चारा घोटाला 950 करोड़ रुपये का है। जो बिहार के विभिन्न जिलों में सरकारी खजाने से धोखाधड़ी करके सार्वजनिक धन की निकालने से संबंधित है। यह घोटाला जनवरी 1996 में जब पशुपालन विभाग में छापेमारी की गई थी उसके बाद सामने आया था। इसके बाद सीबीआई ने जून 1997 में लालू यादव को एक आरोपी के रूप में नामित किया। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू यादव के साथ साथ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ भी आरोप तय किए थे।
गौरतलब है कि सोमवार यानि 21 फरवरी को सुनाई गई सजा से पहले लालू यादव को इसी घोटाले के चार अन्य मामलों में पहले भी सजा मिल चुकी है। इन सभी सजाओं को जोड़ने पर चारा घोटाला के चार मामलों में अब लालू यादव को कुल साढ़े 27 साल की सजा हो चुकी है। पांचवें मामले की पांच साल की सजा के बाद लालू यादव को अब तक कुल सजा साढ़े 32 साल की सुनाई जा चुकी है। इस प्रकार, उन्हें सभी मामलों में दोषी पाया गया है।