आदित्य ठाकरे के करीबी के घर इनकम टैक्स का छापा

आदित्य ठाकरे के करीबी राहुल कनाल के घर इनकम टैक्स की छापेमारी,  आदित्य बोले- केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल बीजेपी के प्रचार तंत्र के रूप में हुआ

मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार में पर्यटन और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के काफी करीबी राहुल कनाल के घर पर आयकर अधिकारियों ने छापेमारी की। यह छापा राहुल कनाल के पुणे और मुंबई स्थित घर और ऑफिस में मारा। टीमें लगातार राहुल के घर और दफ्तरों को खंगाल रही हैं। राहुल से संपर्क करने की भी कोशिश जारी है।  फिलहाल उनका फोन अभी बंद आ रहा है। राहुल कनाल को आदित्य ठाकरे का करीबी बताया जाता है।

वहीं आदित्य ठाकरे ने इस छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश के कई हिस्सों में केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल बीजेपी के प्रचार तंत्र के रूप में किया जा रहा है। “पूर्व में भी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग हुआ है। यह बंगाल, आंध्र प्रदेश में हुआ और अब यह महाराष्ट्र में भी हो रहा है। केंद्रीय एजेंसियां एक तरह से बीजेपी की ही प्रचार मशीनरी बन गई हैं। महाराष्ट्र नहीं झुकेगा।”

उल्लेखनीय है कि इनकम टैक्स विभाग की ओर से जहां छापेमारी की गई, राहुल कनाल का यह घर बांद्रा के भाभा अस्पताल की गली में नाइन अल्मेडा नाम की बिल्डिंग में है। अब इस इमारत के चारों ओर सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती कर दी गई है। राहुल कनाल के अलावा परिवहन मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब के सहयोगी संजय कदम के घर पर भी इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी की है। मंगलवार को विभाग की ओर से एक के बाद एक अलग-अलग ठिकानों में शिवसेना के पदाधिकारियों के घरों पर छापेमारी की गई। आयकर विभाग की टीमों पूरे ने महाराष्ट्र में 20 से अधिक परिसरों में तलाशी ली है, इनमें से 12 साइट मुंबई में हैं।

नेता राहुल कनाल के कई ठिकानों पर छापा मारने के बारे में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि ये छापेमारी बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) की स्थायी समिति के अध्यक्ष यशवंत जाधव द्वारा कथित कर चोरी के संबंध में है। कनाल बीएमसी की शिक्षा समिति के सदस्य और श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट, शिरडी के ट्रस्टी हैं। 

गौरतलब है कि आयकर विभाग ने 25 फरवरी को जाधव के परिसरों की भी तलाशी ली थी। इस दौरान टीम को मौके से 130 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियां मिली थीं। विभाग ने एक बयान में कहा था कि उसने कुछ बीएमसी ठेकेदारों की भी तलाशी ली और पाया कि उन्होंने 200 करोड़ रुपए की आय का खुलासा नहीं किया था। आयकर अधिकारियों ने यह भी बताया कि उन्हें ऐसे ‘सबूत’ मिले हैं जो जाधव और इन ठेकेदारों के बीच ‘करीबी सांठगांठ’ का संकेत देते हैं। विभाग के मुताबिक इसनें कुछ कथित बेनामी सम्पत्तियां भी शामिल हैं।

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