हमारे बारे में | संपर्क करें | डीएमसीए
यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद 17 हजार भारतीयों ने छोड़ा यूक्रेन, 3,352 लोग स्वदेश लौटे

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दी जानकारी, 15 उड़ानों में 3 हजार 352 लोग भारत लौटे
यूक्रेन और रूस के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। ऐसे में वहाँ फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए भारतीय सरकार लगातार सक्रिय है। बुधवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने जानकारी देते हुए बताया कि यूक्रेन पर रूसी हमला होने के बाद से लगभग 17 हजार भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके हैं। वहीं अब तक 15 उड़ानों में 3 हजार 352 भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया, “यूक्रेन छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान, 6 उड़ानें भारत पहुंची हैं, जिससे भारत में कुल उड़ानों की संख्या 15 हो गई है और इन उड़ानों से लौटने वाले भारतीयों की कुल संख्या 3,352 है। अब हम अनुमान लगाते हैं कि हमारी सलाह जारी होने के बाद से लगभग 17,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन की सीमाओं को छोड़ चुके हैं।” इस प्रकार, अब केवल 3000 भारतीय ही यूक्रेन में बाकी हैं।
भारत सरकार इस आपात स्थिति से निपटने के लिए दिन रात सक्रिय है। कल सायं के बाद कई उड़ाने रोमानिया, पोलैंड, और हंगरी से भारतीय नागरिकों को लेकर चल चुकी हैं, अतः आज सुरक्षित स्वदेश लौटने वाले नागरिकों की संख्या 5000 तक पहुँच जाएगी। केंद्र सरकार के चारों मंत्री–ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण रिजिजू, हरदीप सिंह पुरी और जनरल वी के सिंह क्रमशः रोमानिया, स्लोवाकिया, हंगरी और पोलैंड में पूरी मुस्तैदी से अपने काम में जुटे हुए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया है कि भारतीय वायु सेना के विमान बुखारेस्ट से पहली सी-17 उड़ान के साथ ऑपरेशन गंगा में शामिल हो गए हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आगे कहा कि यूक्रेन में हालात को देखते हुए भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। नागरिकों को तुरंत खारकीव छोड़कर जाने का आग्रह किया गया है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने रूसी पक्ष से मिली सूचना के आधार पर सभी भारतीय नागरिकों को तुरंत खारकीव छोड़ने को कहा गया है।
विदेश मंत्रालय ने सरकार की तरफ से अपने बयान में देश को यह आश्वस्त किया है कि हम यूक्रेन से प्रत्येक भारतीय नागरिक को वापस लाएंगे। जिन लोगों ने अपना भारतीय पासपोर्ट खो दिया है, उन्हें भी आपातकालीन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक क्रियाविधि स्थापित की गई है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि इससे कई भारतीय छात्रों को भी मदद मिलेगी।