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टिकरी बॉर्डर पर किसानों का लगा जमावड़ा, क्या किसान आंदोलन होगा और तेज ?

किसान नेता राकेश टिकैत ने बड़ी संख्या में किसानों के संसद कूच का किया ऐलान, कहा-‘हमारे पास 700 मांगें हैं’
तीनों कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद एक साल से चल आ रहे विरोध के खत्म होने की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। गुरु पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि किसानों ने विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं करने का फैसला लिया। किसान नेताओं का कहना है कि जब तक उनकी अन्य अहम मांगों को लेकर सरकार कोई फैसला नहीं लेती और संसद से तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता तब तक वो धरने पर ही बैठे रहेंगे।
किसानों ने अपने पहले से तय कार्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है। किसान दिल्ली बॉर्डर पर संख्या बढ़ा रहे हैं। अब 26 नवंबर को किसानों ने आंदोलन के एक साल पूरा होने को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन की योजना बनाई है। किसानों के जत्थे टिकरी बॉर्डर पहुंच रहे हैं और टेंट्स भी अब बढ़ाए गए हैं। वहीं 29 नवंबर को किसानों की संसद तक कूच करने की योजना है। उल्लेखनीय है कि इस बीच संसद का शीतकालीन सत्र आरंभ हो रहा है। प्रशासन के सामने भी चुनौती खड़ी है। यह आंदोलन अब एमएसपी कानून, पराली कानून, आंदोलन में जान गंवा चुके किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग को लेकर आगे बढ़ाया जा रहा है।
वहीं अब किसान नेता राकेश टिकैत का बयान सामने आया है। राकेश टिकैत का कहना है कि उनके पास 700 मांगें हैं, सरकार से इन सब पर बातचीत चलती रहेगी। राकेश टिकैत ने कहा कि “ये जो संसद सत्र चलाते हैं, वो क्या करते हैं वहाँ पर? डिमांड्स को अप्रूव करते हैं, लागू करते हैं। दिल्ली जाएँगे। 500 किसान 30 ट्रैक्टरों के साथ संसद जाएँगे। अभी तो MSP है, 700 मृतक किसानों के परिजनों को मुआवजा है, मुकदमे वापस लेने हैं, सीड बिल है, पेस्टीसिड्स बिल है, ये सब हाउस में आना है।”