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22 जनवरी तक रैलियों, पदयात्रा पर चुनाव आयोग ने लगाई गई रोक

चुनाव आयोग की बैठक में रोक की अवधि को एक सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय
देश में कोरोना संकट को देखते हुए चुनाव आयोग ने पहले 15 जनवरी तक रैलियों और पदयात्रा पर रोक लगा दी थी। बीते कल आयोग ने हालात का जायज़ा लेने के लिए बैठक की जिसमें चुनावी राज्यों में रैलियों, पदयात्रा और पब्लिक शो पर रोक 22 जनवरी तक बढ़ाने का फैसला लिया गया। उल्लेखनीय है कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही 15 जनवरी तक यह रोक लगाई गई थी। शनिवार को चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों और पांचों राज्यों के प्रमुख सचिव से बैठक की। इसके बाद नया आदेश जारी किया गया।
हालांकि इस बार राजनीतिक दलों को कुछ रियायत भी दी गई है। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को अधिकतम 300 लोगों या 50 फीसदी हॉल की क्षमता के साथ इनडोर बैठकें आयोजित करने की अनुमति दी है। इसके साथ ही हिदायत दी है कि कोरोना प्रोटोकॉल के पालन में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव और पांचों राज्यों के प्रमुख सचिवों ने जानकारी दी कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार अभी थमी नहीं है। अतः पाबंदियों में अधिक छूट देना उचित नहीं है।
बैठक में राजनीतिक दलों और लोगों की कोरोना के प्रति लापरवाही पर चिंता जाहिर की गई। अधिकारियों ने राजनीतिक दलों के साथ-साथ लोगों से भी कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की अपील की है। बैठक में रैलियों, पदयात्रा पर रोक को फिलहाल एक हफ्ते तक आगे बढ़ाने पर ही सहमति बनी है। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि चुनाव कार्यक्रम स्वास्थ्य मंत्रालय और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह के मुताबिक ही चलेगा।