यूपी और पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान केंद्न सरकार का नेताओं को वीआईपी सुरक्षा देने का फैसला

10 मार्च के बाद फिर से सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी

उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्र सरकार ने कुछ नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने का फैसला लिया है। कुछेक को वीआईपी सुरक्षा दी जाएगी। सिक्योरिटी पाने वाले नेताओं में बीजेपी के साथ-साथ सपा और अकाली दल के नेता भी शामिल है। इसके लिए सीआरपीएफ के साथ सीआईएसएफ को निर्देश दिए गए हैं। 

केंद्र सरकार ने जिन बड़े नामों को सुरक्षा दी जा रही है उनमें बीजेपी नेता एसपीएस बघेल का नाम शामिल है। बघेल करहल में सपा नेता अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। उन पर हुए हमले के बाद केंद्र सरकार ने सुरक्षा देने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि कई नेताओं को केंद्रीय सुरक्षाबलों की सुरक्षा अलग से उपलब्ध करवाई गई है। यानि की कुछ ऐसे भी नेताओं को सुरक्षा दी गई है, जिन्हें पहले से ही राज्य सरकार ने पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई थी। अधिकतर उम्मीदवारों से यह वीआईपी सुरक्षा विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद वापस ले ली जाएगी।

केंद्र सरकार ने सीआईएसएफ और सीआरपीएफ को इन नेताओं की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है। दोनों ही अर्धसैनिक बल अपने विशेष कमांडो दस्ते के जरिए वीआईपी सुरक्षा मुहैया कराते हैं।एसपीएस बघेल के साथ ही दिल्ली से सांसद और गायक हंसराज हंस को भी जेड सुरक्षा दी है। इसके अलावा यूपी की भदोही लोकसभा सीट से सांसद रमेश चंद बिंद को एक्स कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया करवाने का फैसला किया है। इसी प्रकार सीआरपीएफ को यूपी और पंजाब में कम से कम 20 नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कहा गया है। 

वहीं पंजाब से शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखविंदर सिंह बिंद्रा को भी सुरक्षा उपलब्ध करवाने का फैसला किया है। परमिंदर सिंह ढींढसा और अवतार सिंह जीरा को भी सुरक्षा दी जाएगी। इन्हें वाई से लेकर वाई प्लस स्तर की सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय के मुताबिक, इन सभी की सुरक्षा बढ़ाने या घटाने को लेकर अगला फैसला 10 मार्च को चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद लिया जाएगा। गौरतलब है कि यूपी में अभी पांच चरणों का मतदान बाकी है जो कि सात मार्च तक जारी रहेगा। वहीं पंजाब में 20 फरवरी को एक ही चरण में वोटिंग होगी। । 

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