हमारे बारे में | संपर्क करें | डीएमसीए
2012-17 के दौरान यूपी में माफियाराज था, अब अपराधी या तो जेल में हैं, या प्रदेश से बाहर

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा को निशाने पर लेते हुए कहा-प्रदेश में बिजली ही नहीं आएगी तो फ्री में क्या देंगे ?
हर दिन के गुज़रने के साथ उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर चुनावी माहौल लगातार गर्माता जा रहा है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने शनिवार को एक मतदाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कैराना को कश्मीर बनाने का समाजवादी पार्टी का सपना कभी पूरा नहीं होने देंगे। ऐसे सपनों को पूरा होने से रोकने के लिए ही देवबंद में एटीएस कमांडो ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया है। उन्होंने गिरधारी नगर में पांच घरों में जाकर लोगों से मतदान की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को फर्क साफ दिख रहा है। वर्ष 2012 के बाद प्रदेश में केवल गुंडों और माफियाओं का ही राज था। जिसे 2017 के बाद बीजेपी सरकार ने प्रदेश से उखाड़ फेंका। अब अपराधी या तो जेल में हैं, या प्रदेश छोड़ चुके हैं। उन्होंने सपा के 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के वादे पर तंज़ कसते हुए कहा कि, प्रदेश में बिजली ही नहीं आएगी तो फ्री में क्या देंगे। जनता को याद है कि 2017 से पहले सपा राज में प्रदेश में बिजली का क्या हाल था। यदि उनकी मंशा लोगों के हित में होती तो बिजली की दशा सुधारने के लिए प्रयास करते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि सपा के राज में तो आतंकियों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए गए थे। वर्ष 2012 में जैसे ही समाजवादी पार्टी सत्ता में आई तो सबसे पहले सपा ने प्रदेश में अयोध्या में राम जन्मभूमि पर हुए हमले के आरोपियों के मुकदमे वापस लिए गए थे। जबकि बीजेपी की सरकार बनने पर सबसे पहले बूचड़खाने बंद कराने, बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्कवायड को प्रभावी तरीके से लागू करने और किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये कर्जमाफ करने का फैसला लिया गया था।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी याद दिलाया कि पहले प्रदेश में प्रत्येक तीन दिन में दंगा, उपद्रव होता था। गैंगस्टर थाना चलाते थे और गरीब लोगों की जमीनों पर कब्जे किए जाते थे। उपद्रव करते हुए सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते थे। भाजपा सरकार बनने के बाद न केवल दंगा, फसाद खत्म हुए बल्कि उपद्रव करके सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले आरोपी माफी मांग रहे हैं। दंगाईयों को डर है कि दंगा करने के बाद ऐसा न हो कि चौराहे पर पोस्टर लगाए जाएं और संपत्ति नीलाम हो जाए।