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मुख्यमंत्री योगी ने अपने मंत्रियों के लिए जारी किए कड़े दिशा-निर्देश

प्रशासन में शुचिता लाने के लिए मंत्रियों का कामकाज भी कड़ी निगरानी में रहेगा, मंत्रियों और अधिकारियों को संपत्ति की घोषणा करनी होगी
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दोबारा सत्ता में लौटने के बाद जहां राज्य में विकास कार्यों को गति मिली है, वहीं सरकार ने अब राज्य में कई कड़े कानून और नियम भी लागू कर दिए हैं। इनके दायरे में कर्मचारिओं के साथ साथ मंत्री भी आ गए हैं। अब योगी सरकार ने अपने मंत्रियों के लिए क्या करना है और क्या नहीं करना है जैसे कड़े नियम भी बना दिए हैं।
कुछ सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों के लिए जो नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, उनके अनुपालन पर नजर रखने के लिए भी एक टीम को सक्रिय किया गया है। इस के जरिए पता लगाया जा रहा है कि आचरण संहिता का मंत्री पालन कर रहे हैं या नहीं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों समेत जनप्रतिनिधियों, आईएएस और आईपीएस अधिकारियों समेत सभी वर्ग के अधिकारियों को संपत्ति घोषित करने के आदेश दिए थे। इसके अलावा ऐसे सभी लोगों के परिजनों की भी संपत्तियों की घोषणा करने के लिए कहा गया था। यह सब जानकारी पब्लिक डोमेन में ऑनलाइन उपलब्ध करवाई जानी है। अब अचानक योगी सरकार की ओर से अपनी सरकार के मंत्रियों के लिए आचरण संहिता लागू करने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार द्वारा जारी की गई इस आचरण संहिता में कहा गया है कि अगर किसी मंत्री को 5000 रुपये से ज्यादा का उपहार मिल रहा है तो वह उसके लिए इंकार कर दे। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सभी विधायकों और मंत्रियों के लिए यह मानक तय किए गए हैं। मुख्यमंत्री की ओर से जारी की गई इस आचरण संहिता से मुताबिक अगर कोई मंत्री 5000 रुपये से ज्यादा का तोहफा लेता है तो उसको राज्य की संपत्ति समझा जाएगा और उसे ट्रेजरी में जमा करवाना होगा। आचरण संहिता के मुताबिक मंत्रियों और उनके परिवार से जितने भी जुड़े हुए लोग हैं उन्हें उपहार नहीं लेने चाहिए।