बीरभूम हिंसा मामले में सीबीआई जांच तेज, 21 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई को सौंपा गया था मामला

पश्चिम बंगाल के बीरभूम हिंसा मामले में जांच अब तेज हो गई है। जिले में 10 लोगों की बर्बरता से पिटाई की गई थी जिसके बाद उन्हें जिंदा जलाकर मार डाला था। न्यायालय केआदेश पर इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया है और सीबीआई ने मुस्तैदी से कार्रवाई शुरू कर दी है। अब 21 लोगों के खिलाफ सश्स्त्र दंगा करने सहित आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सीबीआई की प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ है कि टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या का बदला लेने के लिए ही इन लोगों ने हिंसा को अंजाम दिया था। लगभग 70-80 लोगों की अनियंत्रित भीड़ ने पीड़ितों के घरों पर हमला किया था। पीड़ितों के घर पर जमकर तोड़फोड़ की गई। उनके साथ बर्बरता से मारपीट की गई। इसके बाद उनके घरों को, बाहर से दरवाजा बंद करके आग लगा दी। इस लोमहर्षक अमानवीय हत्याकांड में दस लोग ज़िंदा जलकर मर गए थे।

डीआईजी अखिलेश के नेतृत्व में सीबीआई टीम और सीएफएसएल टीम शनिवार को रामपुरहाट इलाके के संबन्धित गाँव बगतुई पहुंची और मामले की जांच पड़ताल शुरू की गई। सीबीआई अधिकारियों ने पहले जांच कर रही राज्य सरकार की एसआईटी के अधिकारियों से भी मामले से जुड़े सारे कागजात ले लिए हैं। जांच में किसी तरह की बाधा न पड़े इसके लिए गांव में सुरक्षा व्यवस्था को भी सख्त कर दिया गया है।

भादू शेख की हत्या के बाद 22 मार्च 2022 को अपराधियों ने 10 से 12 लोगों के घरों को निशाना बनाया था। इस दौरान परिवारों के साथ मारपीट भी की थी। बर्बरता की सीमाओं को पर करते हुए , उग्र भीड़ ने मारपीट के बाद लोगों को उनके घरों को उनके घरों में बंद करके बाहर से दरवाजे बंद कर दिए और घरों को आग लगा दी। अग्निकांड में फंसे लोग ज़िंदा जल गए। इस अमानुषिक दुष्कृत्य का कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश जारी किया।

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