कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस से गुप-चुप वार्ता का किया खंडन, नई पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने की कही बात

पिछले दिनों पंजाब कांग्रेस में काफी राजनैतिक उठापटक देखने को मिली। कैप्टन अमरिंदर सिंह के त्यागपत्र से राजनीति गरमाई हुई थी। लेकिन इसी बीच ऐसी अफ़वाहें सामने आ रही थी कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की कांग्रेस के साथ अभी भी बातचीत जारी है। लेकिन अब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ये साफ कर दिया कि, उनका कांग्रेस के साथ समय खत्म हो गया है। कैप्टन ने कांग्रेस के साथ चोरी-छिपे वार्ता की ख़बरों का खंडन किया। उनका कहना है कि उनका कांग्रेस के साथ बातचीत के समाचार झूठे हैं। उनका कांग्रेस के साथ मेलजोल का समय अब समाप्त हो चुका है, और अब वो शीघ्र ही अपनी पार्टी लाने वाले है।
उन्होंने अपने राजनीतिक यात्रा के समय कांग्रेस के समर्थन के लिए सोनिया गांधी का आभार जताया और कहा कि वो कांग्रेस के समर्थन के लिए आभारी हैं लेकिन अब वो कांग्रेस में नहीं रहेंगे। उनका कहना है कि, वो किसानों का मुद्दा सुलझने का बाद पंजाब चुनाव के लिए भाजपा, अलग हुए अकाली दलों और अन्य के साथ सीटों के बंटवारे के लिए बातचीत करेंगे। कैप्टन का कहना है कि वो पंजाब और किसानों के हित में हैं और वो एक शक्तिशाली सामूहिक शक्ति बनना चाहते हैं।

कांग्रेस हाईकमान ने कैप्टन को अनदेखा कर नवजोत सिद्धू को आगे बढ़ाने की कोशिश की थी, और इसी बीच कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके तुरंत बाद ही कैप्टन ने ये भी साफ कर दिया था कि वो बीजेपी में शामिल नहीं होंगे लेकिन वो कांग्रेस के साथ भी नहीं रहेंगे और अपनी अलग पार्टी बनाएंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस सप्ताह की शुरुआत में ये घोषणा कर दी थी कि, वो अपनी नई पार्टी लॉन्च करेंगे और उनकी ये नई घोषित राजनीतिक पार्टी पंजाब के सभी 117 विधानसबा सीटों में आगामी चुनाव लड़ेगी। साथ ही कैप्टन ने दावा किया कि कई कांग्रेस नेता उनकी इस नई पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं।
वहीं बीते दिनों मीडिया से बातचीत के दौरान भी कैप्टन ने कहा था कि, “हम सभी 117 सीटों पर लड़ेंगे, चाहे हम समायोजन में लड़ें या हम अपने दम पर लड़ें, ये तो समय ही बताएगा.. कांग्रेस के बहुत से कार्यकर्ता आ रहे हैं।“
पूर्व सीएम ने कहा कि उनकी नई राजनीतिक पार्टी शुरू करने की प्रक्रिया जारी है और चुनाव आयोग की ओर से पुष्टि किए जाने के बाद वो नाम और चुनाव चिन्ह को सार्वजनिक कर देंगे। उनके वकील इस पर काम कर रहे हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ये भी साफ किया है कि अगर किसानों के हित में फैसला लिया जाता है और किसानों के विरोध के मुद्दों को सुलझा दिया जाता है तो उनकी नई राजनीतिक पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकता है।

उल्लेखनीय है कि पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले है। 2017 में हुए चुनावों में, कांग्रेस ने राज्य में 77 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया था। अब 2022 में होने वाले इन विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक उथल-पुथल गरमाई हुई है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की भी आप पार्टी को मजबूत करने के लिए पंजाब में सक्रियता बढ़ती दिखाई दे रही है। ऐसे में कैप्टन अमरिंदर भी अब अपनी नई पार्टी के साथ 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।

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