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बसपा प्रमुख मायावती का ऐलान- ‘पार्टी अकेले ही लड़ेगी विधानसभा चुनाव’

2022 विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी बसपा, बसपा प्रमुख मायावती ने की घोषणा

उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर हर पार्टी अपनी तैयारियों में अभी से ही जुट गई है। एक ओर जहां सभी पार्टियां अपनी पार्टी को शक्तिशाली करने के लिए लगातार नई-नई रणनीतियां बना रही हैं तो वहीं पार्टी नेताओं में भी वार-पलटवार का दौर आरम्भ हो गया है।
विधानसभा चुनावों को लेकर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने एक नई घोषणा की है। पार्टी प्रमुख मायावती ने घोषणा की है कि वो अगले वर्ष होने वाले चुनाव में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। वो अकेले ही 2022 विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। मायावती का कहना है कि इस बार केवल बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन जनता से होगा और प्रदेश में उनकी ही सरकार बनेगी।
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी किसी भी पार्टी के साथ कोई चुनावी समझौता नहीं करेगी। हम अपने दम पर लड़ेंगे। हमारा समझौता समाज के हर वर्ग की जनता से होगा ताकि उन्हें एकजुट लाएँ- यही गठबंधन स्थाई होता है। हमारी इच्छा नहीं है कि हम किसी पार्टी के साथ गठबंधन करें।
वहीं पार्टी प्रमुख मायावती ने बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी ताबड़तोड़ सरकारी योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने में जुटी हुई। लेकिन उनकी ये योजनाएं अभी भी आधी-अधूरी ही हैं और इस बार जनता बीजेपी के किसी भी झांसे में नहीं आएगी।
बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर भी हमला बोला। कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए मायावती ने कहा, “कांग्रेस भी बीजेपी की राह पर है, इसलिए लगातार जनता को झांसा देने के लिए नई घोषणाएं कर रही है। अगर उन्होंने सत्ता में रहते हुए 50 प्रतिशत भी अपने वादे पूरे किए होते तो आज केंद्र की सत्ता से बाहर न होते।” मायावती ने कहा कि जनता सपा के चुनावी वादों पर विश्वास नहीं करेगी और उन्हें मतदान नहीं देगी।
भले ही बसपा प्रमुख मायावती 2022 विधानसभा चुनाव को अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है लेकिन पिछले लोकसभा चुनावों में बसपा ने अखिलेश की सपा से समझौता कर पार्टी के भाग्य को आजमाया था। उल्लेखनीय है कि सपा और बसपा ने साल 2019 में 12 जनवरी को साथ आने की घोषणा की थी और बीजेपी की जीत और अन्य पार्टियों की हार के बाद 23 जून को गठबंधन टूट गया था। उस वक्त बसपा प्रमुख मायावती ने कहा था कि लोकसभा चुनावों में सपा का व्यवहार ठीक नहीं था। जिसके बाद मायावती ने घोषित किया कि अब पार्टी किसी भी दल से कोई समझौता नहीं करेगी, वो अकेले ही चुनाव लड़ेगी।