केंद्र सरकार ने 3 राज्यों में AFSPA का दायरा घटाया

मोदी सरकार ने तीन उत्तर-पूर्वी राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम का दायरा घटाने का फैसला किया

केंद्र सरकार ने दशकों बाद पूर्वोत्तर के तीन राज्यों–नागालैंड असम और मणिपुर–में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम के तहत अशांत क्षेत्रों का दायरा कम करने का बड़ा फैसला किया है। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके जानकारी दी है। एक के बाद एक, लगातार तीन ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। भारत सरकार ने दशकों बाद नागालैंड असम और मणिपुर राज्य में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम के तहत अशांत क्षेत्रों का दायरा कम करने का फैसला किया है।“

गृह मंत्री ने एक ट्वीट में लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी की उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप इस इलाके में शांति और समृद्धि के नए युग की शुरुआत हुई है। शांति लाने के प्रयासों और विभिन्न समझौतों से इन इलाकों में उग्रवाद पर नियंत्रण पाने और सुरक्षा का माहौल बनाने के साथ विकास की गति बढ्ने से यह कानून हटाने में मदद मिली है। इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्होने उत्तर-पूर्वी भारत के निवासियों को बधाई भी दी।

 इसके बाद अमित शाह ने ट्वीट में लिखा — “ हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र जो दशकों से उपेक्षित था अब, हमारे प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता के कारण ही वहां शांति समृद्धि और विकास के एक नए युग का जन्म होने जा रहा है। मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के लोगों को भी बधाई देता हूं।“ उल्लेखनीय है कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम को सिर्फ अशांत क्षेत्रों में ही लागू किया जाता है। यह कानून 11 सितंबर 1958 को पास किया गया था जबकि इसकी जड़ें 1942 में ब्रिटिश शासन के दौरान बनाए गए कानून में हैं। 1990 में जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ने लगी तो यहां भी 1990 में यह अधिनियम लागू कर दिया था।

यह कानून उन इलाकों में लागू किया जाता है जहां आतंकवादी गतिविधियां ज्यादा होती रहती हैं। उल्लेखनीय है कि भारत और म्यांमार की सीमा के दोनों तरफ कई अलगाववादी विद्रोही संगठनों के ठिकाने हैं। इसी तरह से जम्मू कश्मीर में भी कई अलगाववादी संगठन सक्रिय हैं। इन संगठनों से निपटने के लिए ही और देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेना को सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम के तहत कई विशेष अधिकार दिए गए हैं। गौरतलब है कि यह अधिनियम अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, चंडीगढ़, पंजाब, नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, जम्मू कश्मीर समेत देश के कई अन्य हिस्सों में लागू किया गया था। लेकिन समय-समय पर जैसे-जैसे परिस्थितियां सुधरती हैं तो इस अधिनियम को उन इलाकों से हटा भी दिया जाता है।

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