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गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में इस साल हुए महत्वपूर्ण बदलाव

इस बार 23 जनवरी से शुरू होगा गणतन्त्र दिवस का जश्न
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में इस साल कई बड़े बदलाव देखने को मिलने वाले हैं जिनकी चर्चा पहले ही देशभर में होने लगी है। सबसे बड़ा बदलाव यह किया गया है कि अब हर साल गणतंत्र दिवस का जश्न 24 जनवरी की जगह 23 शुरू हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई जाती है। स्वाधीनता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करने की दृष्टि से इस दिन को गणतंत्र दिवस समारोह के साथ जोड़ दिया गया है। तदनुसार इस बार से हर वर्ष गणतन्त्र दिवस समारोह 23 जनवरी से शुरू होकर 30 जनवरी तक चलेगा। साथ ही इस दिन को पराक्रम दिवस के रुप में मनाया जाएगा। इसके साथ ही कई और बड़े बदलाव भी इस साल देखे जाएंगे।
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली परेड में हर साल विदेश से मुख्य अतिथि के तौर पर मेहमान शामिल होते थे। लेकिन इस बार इसमें भी बदलाव कर दिया गया है। केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस साल होने वाली परेड में कोई भी विदेश से मेहमान मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। सरकारी सूत्रों का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण यह फैसला लिया गया है।
खास ध्यान देने वाला परिवर्तन यह है कि इस साल गणतंत्र दिवस के आमंत्रितों की सूची में निर्माण श्रमिक, सफाई कर्मचारी, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता और ऑटो-रिक्शा चालक शामिल रहेंगे। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान देना इसका उद्देश्य है। इस साल गणतंत्र दिवस के निमंत्रण कार्ड में औषधीय बीज हैं। आयोजन के बाद, इन्हें गमले या बगीचे में बोया जा सकता है।
वहीं गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में राजपथ पर 600 युवा कलाकार प्रस्तुति देंगे। इस साल राजपथ पर प्रस्तुति देने वाले कुल 600 युवा कलाकारों का चयन रक्षा मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता ‘वंदे भारतम’ के माध्यम से किया गया है।
पहली बार बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम के दौरान 1000 ड्रोन प्रदर्शन करेंगे। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि आईआईटी-दिल्ली के स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए पहली बार बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम के दौरान 1000 ड्रोन प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान चीन, रूस और ब्रिटेन के बाद ड्रोन शो करने वाला भारत चौथा देश होगा। इसके अलावा इस बार कई राज्यों की झांकियां कार्यक्रम में नजर नहीं आएंगी। इस बार सिर्फ 12 राज्यों की ही झांकियां दिखाई देगीं।