बांग्लादेश: दुर्गा पूजा स्थल पर कुरान रख हिंदुओं के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा भड़काने वाला निकला इकबाल हुसैन

बांग्लादेश के कॉमिला में हिंदुओं के साथ जो हुआ उसे पूरी दुनिया जान चुकी है। हालांकि बांग्लादेश में पहले भी कई बार हिंदू सांप्रदायिक हिंसा का शिकार होते रहे हैं लेकिन कामिला में हुई ये घटना एक नई और घातक प्रवृत्ति की ओर इंगित करती है। बांग्लादेश में 13 अक्टूबर को दुर्गा पूजा के दौरान पंडाल में कुरान की पुस्तक रख दी गई, और यहीं से शुरू हुआ वो सिलसिला जिसमें ना केवल कई हिंदुओं की जान चली गई बल्कि WHF के मुताबिक कुल 1800 हिन्दुओं की दुकानों या प्रतिष्ठानों को आग के हवाले कर दिया गया।

वहीं अब कॉमिला की पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्होंने उस व्यक्ति की पहचान कर ली है जिसने कॉमिला में दुर्गा पूजा के पंडाल में कुरान की पुस्तक रखी थी। मंदिर में पुस्तक रखने वाला कोई हिंदू नहीं बल्कि इकबाल हुसैन था, जिसने देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा की एक श्रृंखाला शुरू की, जिसमें कई लोग मारे गए और कई घायल हो गए। नूर मोहम्मद आलम का 35 वर्षीय पुत्र इकबाल हुसैन कॉमिला के सुजनगर क्षेत्र का रहने वाला है। पुलिस ने सीसीटीवी की जांच के आधार पर इकबाल की पहचान की है। इकबाल हुसैन ने ही दुर्गा पूजा के पंडाल में कुरान को रखा और कुरान का अपमान बताकर इसे फैलाया, जिससे हिंन्दुओं के विरुद्ध हिंसा शुरू हो

वहीं हिंदुओं पर हो रहे इन हमलों की हर जगह निंदा हो रही है। इसी के चलते पूर्व अमेरिकी कांग्रेस सदस्या तुलसी गबार्ड ने भी इन हमलों को निंदनीय बताया। उन्होंने हसीना सरकार से अपील की है कि जिहादी ताकतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। तुलीस गबार्ड ने कहा “यह बांग्लादेश की ‘कथित धर्मनिरपेक्ष’ सरकार का कर्तव्य है कि वह अपने देश के अल्पसंख्यकों, जिनमें हिंदू, ईसाई और बौद्ध शामिल हैं, को जिहादी ताकतों से बचाए”।

दुर्गा पूजा के पंडाल में कुरान वाली अफवाह से न केवल कॉमिला बल्कि पूरे बांग्लादेश में हिंदुओं पर मुस्लिम भीड़ ने हमले किए। बता दें कि बांग्लादेश में 33 जिलों में लगभग 335 मंदिरों पर मुस्लिम भीड़ ने हमले किए हैं। हालांकि ये सिर्फ 13 से 17 अक्टूबर यानि कि पहले 4 दिनों के ही आंकड़े हैं। लेकिन इस तरह की घटनाएं अभी भी जारी है।

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