असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा- “700 मदरसे किए बंद, बाकी को स्कूलों-कॉलेजों में बदलेंगे”

मुख्यमंत्री ने बताया कि 700 मदरसे किए बंद कर दिए गए हैं, बाकी को स्कूलों-कॉलेजों में बदला जाएगा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मदरसों को बंद करने के मुद्दे को लेकर बयान देते हुए कहा है कि कई मदरसों को बंद किया जा चुका है और बाकी मदरसों को स्कूलों-कॉलेजों के रूप में बदला जाएगा । उन्होने कहा — “लगभग सात सौ मदरसे बंद हो चुके हैं, बाकी मदरसों को नर्सिंग स्कूल और मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेजों में बदलने का इरादा है। मैं चाहता हूं कि मेरे मुसलमान भाई मदरसों में ना जाएँ और उसकी जगह लोग डॉक्टर-इंजीनियर बनें, समाज को रोशन करें।” उन्होंने आगे कहा, “इससे लोग खुश हैं। जब मैं मदरसे में गया तो पूछा कि क्या बनोगे बेटा, तो बोला ‘मैं डॉक्टर बनूँगा’ तो मैं बोला कि गलत जगह आ गए हो, यहाँ तो मौलवी बनते हैं। इसलिए बच्चों की राय लेकर मदरसों को सामान्य स्कूल में बदलने का फैसला किया। मैंने कौम की भलाई के लिए मदरसा बंद किया।”

इसके साथ ही असम के मुख्यमंत्री ने CAA को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने CAA के समर्थन की बात करते हुए कहा– “जहाँ भी हिंदू समुदाय के लोगों को तकलीफ होती है, उन्हें भारत लौटकर आने का अधिकार होना चाहिए। हर हिंदू की मातृभूमि भारत है। इसलिए मैं हमेशा CAA का समर्थन करता हूँ। हजारों साल से भारत हिंदू समुदाय का देश रहा है और रहेगा, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि दूसरे समुदाय के लोग यहाँ नहीं रह सकते।”

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि वह सत्ता में केवल संस्कृति के प्रति काम करने ही आए हैं। हर हिंदुस्तानी हिंदू है, क्योंकि अरबों के आने से पहले यहां सभी हिंदू ही थे। उन्होंने कहा, “आज मंदिर की बात करने वाला सांप्रदायिक, लेकिन दूसरे धर्म का स्थान बनाने वाला सेक्युलर हो जाता है। हम सीधे-सीधे हिंदू हैं और हिंदू रहेंगे, लेकिन हिंदू सभी धर्मों का सम्मान करना जानते हैं।”

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मुस्लिम वोट को लेकर कहा कि, “मैं अगर बोलूँ कि मियाँ वोट दो, क्या वे मुझे वोट देंगे? मुझे पक्का मालूम है कि वे मुझे देंगे तो क्यों वोट माँगू? जिस दिन ये बच्चे डॉक्टर-इंजीनियर बन जाएँगे, उस दिन वो लोग मुझे जरूर वोट देंगे। अभी वो स्थिति नहीं है।” असम में मंदिर के पाँच किलोमीटर के दायरे में बीफ बैन करने पर उन्होंने कहा, “मंदिर हो, उसमें तकलीफ नहीं है। तकलीफ होता है, जब गोवध होता है।”

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