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आतंकवाद को खत्म कर शांति बहाल करने में सीआरपीएफ का महत्वपूर्ण योगदान–अमित शाह

जम्मू में बोले शाह- ‘’हो सकता है जम्मू-कश्मीर में कुछ वर्षों में सीआरपीएफ की जरूरत ना पड़े’’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर रहे। पहले दिन अमित शाह ने शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों से मुलाक़ात करके उन्हें नौकरी नियुक्ति पत्र वितरित किए तो वहीं अपने दौरे के दूसरे दिन सीआरपीएफ के 83वें स्थापना दिवस पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
गृह मंत्री अमित शाह ने स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि साल 1990 में पूर्वोतर में आतंकवाद चरम पर था। कश्मीर की उस समय की हालत चिंता का विषय बनी हुई थी। लेकिन बीते दो दशकों में स्थिति में बहुत बदलाव आया है। सीआरपीएफ ने कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी है, वो सराहनीय है। सीआरपीएफ की लड़ाई आसान नहीं थी। आपके साहस की तारीफ करनी होगी। अब कश्मीर में आतंकवाद खत्म होने वाला है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने विश्वास जताया कि जल्द ही आतंकवाद खत्म होगा और हम जल्द ही पूर्ण शांति बहाल करने ने सक्षम होंगे। इस महत्वपूर्ण अभियान में सीआरपीएफ जवानों की भूमिका अहम है। सीआरपीएफ जवानों ने बहादुरी से उग्रवादी ताकतों को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई है। देश में कहीं भी दंगे हों, लोग सीआरपीएफ की तैनाती से खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। देश के हर नागरिक को ना सिर्फ आप लोगों पर गर्व है बल्कि आपसे हर नागरिक प्यार भी करता है।
अमित शाह ने आगे कहा कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इसे पाने के लिए देश में भीतरी सुरक्षा बेहद जरूरी है। सीआरपीएफ इस काम के लिए हमेशा तैयार रहती है। इस दौरान अमित शाह ने सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह के नेतृत्व की भी सराहना तारीफ की और बताया कि सरकार सीआरपीएफ को आधुनिक हथियारों से लैस करने की दिशा में काम कर रही है।