हिंद-प्रशांत को लेकर अमेरिका ने जारी की पहली रणनीतिक रिपोर्ट

राष्ट्रपति बाइडन के दृष्टिकोण का लेखा-जोखा किया पेश

हिंद-प्रशांत को लेकर अमेरिका की ओर से पहली बार रणनीतिक रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में अमेरिका की ओर से चेतावनी दी गई है कि भारत को चीन और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उसके व्यवहार से बड़ा खतरा है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व वाले प्रशासन की तरफ से हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर पहली रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की स्थिति को दृढ़ता से मजबूत करने के साथ-साथ भारत के क्षेत्रीय नेतृत्व का समर्थन करने में राष्ट्रपति बाइडन के दृष्टिकोण का लेखा-जोखा पेश किया गया है।

रिपोर्ट में व्हाइट हाउस ने कहा कि ‘‘हम एक रणनीतिक साझेदारी का निर्माण करना जारी रखेंगे, जिसमें अमेरिका और भारत दक्षिण एशिया में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक साथ और क्षेत्रीय समूहों के माध्यम से काम करते हैं, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष और साइबर स्पेस जैसे नए क्षेत्र में सहयोग करते हैं, हमारे आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग को मजबूत करते हैं, तथा एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत में योगदान करते हैं।’’

इसके साथ ही व्हाइट हाउस ने अपने एक बयान में कहा कि ‘‘हम मानते हैं कि भारत दक्षिण एशिया और हिंद महासागर में एक समान विचारधारा वाला भागीदार और नेतृत्वकर्ता है, जो दक्षिण पूर्व एशिया में सक्रियता से जुड़ा हुआ है। साथ ही भारत क्वाड और अन्य क्षेत्रीय मंचों की प्रेरक शक्ति और क्षेत्रीय विकास और विकास के लिए एक इंजन है।’’

एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि भारत महत्वपूर्ण चुनौतियों से जूझ रहा है। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि ‘‘भारत को बहुत महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के व्यवहार का भारत पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है। हमारे दृष्टिकोण से हम अन्य लोकतंत्र के साथ काम करने के लिए जबरदस्त अवसर देखते हैं – एक ऐसे देश के साथ जिसकी समुद्री परंपरा है, जो वैश्विक साझा मुद्दों और क्षेत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों को आगे बढ़ाने के महत्व को समझता है।’’

अधिकारी ने आगे कहा कि ‘‘भारत के साथ जुड़ाव को मजबूत करने के महत्व और चुनौतियों की जबरदस्त सराहना हुई है। यह मान्यता है कि भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है और पिछले प्रशासन के बेहतर काम को जारी रखने की इच्छा है ताकि उस रिश्ते को व्यापक और गहरा किया जा सके।’’ वरिष्ठ प्रशासक ने कहा कि पूर्ववर्ती अमेरिकी प्रशासन, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व वाला पिछला प्रशासन भी शामिल है, ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है।

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