पीएम मोदी ने 29 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया

प्रधानमंत्री ने की बच्चों से बातचीत, बढ़ाया हौसला

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रुबरु हुए और उनसे संवाद किया। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, राज्य मंत्री डा. मुंजपारा महेंद्रभाई तथा बच्‍चों के साथ उनके माता-पिता और संबंधित जिलों के डीएम भी मौजूद रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने साल 2021 और 2022 के लिए पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेताओं को डिजिटल प्रमाणपत्र प्रदान किए। 

बच्चों से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि देश के लिए बच्चों ने बड़े बड़े काम किए हैं। स्वच्छ भारत अभियान में बाल सैनिक बन कर बच्चों ने इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, यह प्रशंसनीय है। उदाहरणों से बच्चों का हौसला बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, पुरस्कारों के साथ आपको जिम्मेदारी भी मिली है। अब हर किसी की आपसे अपेक्षा भी बढ़ गई है। लेकिन आपको इसका दबाव नहीं लेना है, बल्कि इससे प्रेरणा लेनी है। उन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ने वाले वीरों को भी याद किया। पीएम मोदी ने बताया कि आजादी की लड़ाई में वीर बाला कनकलता बरुआ, खुदीराम बोस जैसे वीरों का ऐसा इतिहास है जो गर्व से भर देता है। इन सेनानियों ने छोटी उम्र में ही देश की आजादी को अपने जीवन का मिशन बना लिया था। उसके लिए खुद को समर्पित कर दिया था, आप सबको भी इन्हीं की तरह देशसेवा के कार्य करने हैं।

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर लगाई गई नेताजी सुभाषचंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का भी जिक्र किया। उन्होंने सभी बच्चों को नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लेने को कहा। उन्होंने कहा कि जिस तरह नेताजी ने देश के लिए अपने कर्तव्यों को निभाया उसी प्रकार आपको भी देश के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाना होगा।

उल्लेखनीय है कि इस पुरस्कार से ऐसे बच्चों को सम्मानित किया गया जिन्होंने किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हों। बाल शक्ति पुरस्कार की विभिन्न श्रेणियों के तहत देशभर से 29 बच्चों को PMRBP-2022 के लिए चुना गया है। पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लेते हैं। पीएमआरबीपी के प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपये नकद और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है।  

बता दें कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भारत में रहने वाले 5 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष तक के बच्चों को नवाचार, शैक्षिक उपलब्धि, खेल, कला एवं संस्कृति, समाज सेवा और बहादुरी जैसे 6 क्षेत्रों में असाधारण क्षमता और उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने पर एक मान्यता के तौर पर दिया जाता है।

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