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पीएम मोदी और जो बाइडन के बीच अहम वर्चुअल बैठक में यूक्रेन और रूस को लेकर हुई चर्चा

हमारी भागीदारी का मुख्य आधार हमारे लोगों और हमारे साझा मूल्यों के बीच गहरे संबंध हैं–जो बाइडन
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक हुई जिसमें दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के अतिरिक्त कोरोना महामारी, जलवायु संकट, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और लोकतन्त्र की मजबूती पर चर्चा की। हालांकि, यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष के मुद्दे पर भारत और अमेरिका के विचारों में अंतर रहा है, तथापि इसके मानवीय पक्ष पर सहमति पाई गई है।
बैठक में पीएम मोदी ने जो बाइडेन से कहा कि यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन में हालात चिंता का विषय बने हुए हैं। इस संघर्ष के बीच कुछ सप्ताह पहले तक लगभग 20 हजार भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए थे। इन भारतीयों में सबसे ज्यादा युवा छात्र थे। हमने यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को दवाएं और अन्य राहत सामग्रियां भेजी हैं। यूक्रेन की मांग पर हम जल्द ही दवाओं की एक और खेप पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि ”मैं आपसे वर्चुअल मुलाकात करके प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूं। हम कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान वैश्विक चुनौतियों को लेकर समान चिंताएं प्रकट कर चुके हैं”। वहीं यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से कई बार फोन पर बात की है। मैंने न केवल दोनों से शांति के लिए अपील की है बल्कि पुतिन को यह सुझाव भी दिया है कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ सीधे वार्ता करें। हमारी संसद में भी यूक्रेन को लेकर गहन चर्चा हुई है।
भारत और अमेरिका के बीच रक्षा भागीदारी को लेकर बाइडन ने कहा कि हमारी भागीदारी का मुख्य आधार हमारे लोगों और हमारे साझा मूल्यों के बीच गहरे संबंध हैं। मैं यूक्रेन के लेगों के लिए भारत की और से भेजी गई मानवीय मदद का स्वागत करता हूं। वहीं, बूचा नरसंहार को लेकर बाइडन ने कहा कि इस शहर में सामने आई मासूम नागरिकों की हत्या के समाचार बहुत चिंताजनक हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि इस युद्ध के प्रभावों का प्रबंधन करने के लिए अमेरिका और भारत के बीच परामर्श जारी रहेगा। हमारा निरंतर परामर्श और संवाद यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि अमेरिका और भारत के संबंध गहरे और मजबूत होते रहें।