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पंजाब विधानसभा में BSF के अधिकार क्षेत्र के खिलाफ प्रस्ताव पास

सीएम चन्नी ने अकाली दल के नेताओं को बताया ‘नशे का सौदागर’, दल के विधायकों से नवजोत सिद्धू की हुई झड़प
पंजाब में लंबे समय से सियासी संग्राम जारी है। इसी बीच गुरुवार को विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे सेशन हुआ। इस दौरान विधानसभा सत्र में BSF का मुद्दा उठाया गया। इसमें केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों और BSF के अधिकार क्षेत्र की सीमा में विस्तार मामले के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया। सत्र के दौरान नवजोत सिद्धू की अकाली दल के नेताओं के साथ जमकर बहस भी हुई।
सत्र के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अकाली दल के नेताओं को आड़े हाथों लिया और उनको नशे का सौदागर कहा। सीएम चन्नी के इस बयान पर अकाली दल के नेता भड़क उठे। जिसके बाद नवजोत सिद्धू और अकाली दल के नेताओं में तीखी बहस हुई। दोनों पक्षों ने जमकर एक दूसरे पर निशाना साधा।
वहीं अब नवजोत सिद्धू का बयान भी सामने आया है। अकाली दल के नेताओं के साथ हुई बहस को लेकर सिद्धू ने कहा कि यह झड़प जानबूझकर की गई, क्योंकि विपक्ष बौखलाया हुआ है। नवजोत सिद्धू ने इसी के साथ कहा कि चन्नी सरकार पंजाब के लोगों के विकास के लिए कार्यरत है। और अगले पांच साल के विकास को ध्यान में रखते हुए कई योजनाएं तैयार भी की गई है।
इसी के साथ नवजोत सिद्धू ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि, विपक्ष लोगों का ध्यान सरकार के कामकाज से भटकाना चाहता हैं, क्योंकि विपक्ष डरा हुआ है। अगर ये नहीं सुधरे तो गृहयुद्ध जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी।
सत्र के दौरान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ भी विधान सभा में प्रस्ताव पास किया गया । इसको लेकर पंजाब के कृषि मंत्री रणदीप सिंह ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के रहते पंजाब में केंद्रीय कृषि कानूनों को लागू नहीं होने दिया जाएगा। वहीं, इस बीच कृषि कानून पर बहस के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने अकाली दल पर फिर हमला बोला। उनका कहना था कि नए कृषि कानून बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है। इन काले कानूनों की वजह से अब तक 600 किसानों की जान जा चुकी है।
इसी प्रकार केंद्र सरकार द्वारा BSF का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ा कर 50 किलोमीटर किए जाने के फैसले के खिलाफ भी एक प्रस्ताव पास किया।